दो धड़ों में बंटा नर्सेस आंदोलन, प्रशासन ने बुलाये प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स, पुलिस तैनात  

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  12 सूत्रीय मांगों को लेकर बीती 12 मई से चरणबद्ध आंदोलन कर रही नर्सेस (Nurses)  घोषित चेतावनी के तहत आज सामूहिक अवकाश पर हैं।  लेकिन ग्वालियर में आंदोलन दो धड़ों में बंट गया है।  ग्वालियर में 700 से ज्यादा नर्सेस हड़ताल (सामूहिक अवकाश) पर हैं तो करीब 15 -20 नर्सेस वार्ड में ड्यूटी कर रही हैं। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि काम कर रही नर्सेस हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं जबकि एसोसिएशन ने इसे प्रशासन का दबाव बताया है और कहाहै कि ये भटके हुए लोग हैं जल्दी ही वापस आ जायेंगे। उधर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है यदि एक दिन के सामूहिक अवकाश के बाद भी सरकार नहीं जागी तो 30 जून से पूरे मध्यप्रदेश (MP) की नर्सेस अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर चली जाएंगी। आंदोलन को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज सेस्टूडेंट्स मरीजों की देखभाल के लिए बुलाये हैं और सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बुला ली है।

मध्यप्रदेश नर्सेस एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश की नर्सेस अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लम्बे समय से संघर्ष कर रही हैं।  पिछ्ली 12 मई से नर्सेस ने ग्वालियर में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया लेकिन मरीजों को परेशान नहीं होने दिया। इसमें काली पट्टी बांधकर काम करना, पीपीई किट पहनकर काम करना, मानव श्रंखला बनाना, ज्ञापन देना, सांकेतिक धरना देना जैसे कार्यक्रम रखे गए।  लेकिन नर्सेस के आंदोलन का ना तो अस्पताल प्रशासन , ना जिला प्रशासन और ना ही शासन पर कोई फर्क पड़ा।

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नर्सेस एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार ने कहा कि हमने कई बार ज्ञापन दिए लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा, 12 मई से हमारा आंदोलन चल रहा है लेकिन हमसे मिलने शासन का कोई भी नुमाइंदा नहीं आया जिससे साफ़ पता चलता है कि शासन को ना तो हमारी फ़िक्र है और ना ही हमारी मांगों में कोई रूचि।  इसलिए मज़बूरी में मध्यप्रदेश की सभी नर्सेस आज सोमवार 28 जून को सामूहिक अवकाश पर हैं।

दो धड़ों में बंटा नर्सेस आंदोलन, प्रशासन ने बुलाये प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स, पुलिस तैनात   दो धड़ों में बंटा नर्सेस आंदोलन, प्रशासन ने बुलाये प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स, पुलिस तैनात  

हड़ताल के दो धड़ों में बनते होने के सवाल पर रेखा परमार ने कहा कि हम खुद चाहते थे कि कुछ नर्सेस मानवीय आधार पर मरीजों की देखभाल करें लेकिन जो लोग काम कर रहे हैं वो प्रशासन के दबाव में है।  और भटके हुए लोग हैं जो जल्दी ही हमारे साथ आ जायेंगे।  उन्होंने कहा कि सामूहिक अवकाश तो ट्रेलर हैं पिक्चर तो अभी बाकी है।

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उधर अस्पताल प्रशासन ने कहा कि नर्सेस आंदोलन को देखते हुए हमने मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है, प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज से स्टूडेंट्स बुलाये हैं जो ड्यूटी कर रहे हैं, हमारे जूनियर डॉक्टर्स ड्यूटी कर रहे हैं, NHM का  स्टाफ बुलाया है। जयारोग्य अस्पताल समूह के प्रभारी अधीक्षक देवेंद्र कुशवाह का कहना है कि हर वार्ड में पर्याप्त  नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने दावा किया कि आंदोलन दो धड़ों में बंट चुका है जो लोग काम कर रहे हैं उन्हें हड़ताल में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, किसी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति ना बने इसलिए पुलिस फ़ोर्स बुलाया लिया गया है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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