राहुल गांधी ने जारी किया कोरोना पर श्वेत पत्र, भाजपा का पलटवार वे खुद ही कोरे कागज

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  वैक्सीनेशन महाअभियान (Vaiksineshan Campaign) की शुरुआत  21 जून को देश में लोगों ने उत्साहपूर्वक वैक्सीनेशन कराया और अभियान के पहले ही दिन 83 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। लेकिन कांग्रेस (Congress) कोरोना को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) की तैयारियों पर सवाल खड़े कर रही है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को एक श्वेत पत्र (White Paper)  जारी किया जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की कमियां गिनाते हुए उसे चार सुझाव दिए हैं।

एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपनी बात कही और कोरोना पर श्वेत पत्र जारी किया।  राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी सरकार को चार सुझाव दिए।  राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि तीसरी लहर (Third Wave)  सिर पर खड़ी है वो आएगी लेकिन सरकार की तैयारी क्या है दिखाई नहीं दे रही । सरकार को चाहिए कि 100 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगे। आबादी के एक हिस्से को वैक्सीन लगाने से बात नहीं बनेगी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार को कोरोना से निपटने में फेल बताते हुए नसीहत दी कि सरकार पिछली गलतियों से सबक ले और  तीसरी लहर से निपटने की तैयारी करे।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि तीसरी लहर की तैयारी के लिए गांव गांव तक बेड , ऑक्सीजन, दवा, मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर सब को मजबूत करना होगा।  दूसरी लहर की तरह लोग अपने बीमार परिजन को शहर की तरफ भागते दिखाई नहीं देना चाहिए। और यदि ऐसा हुआ तो हालात भयावह हो जायेंगे।

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राहुल ने कहा कि कहा कि कोरोना बायोलॉजिकल बीमारी नहीं है ये इकनॉमिक सोशल बीमारी है।  इस समय कमजोर लोगों को आर्थिक सहायता देने की जरुरत है सरकार गरीबों के पास डायरेक्ट पैसे पहुंचाए।   इसके लिए एक योजना कांग्रेस ने सरकार को दी है।  प्रधानमंत्री चाहें तो उसका नाम बदल दें। राहुल ने कहा कि एक कोविड कंपनसेशन फंड बनना चाहिए।  जिन परिवारों के मुखिया की कोरोना से मौत हुई हो उसे इस फंड से सहायता मिलनी चाहिए। राहुल गांधी ने आरोप लगाए कि केंद्र सरकार ऐसे संकट के समय में भी बीजेपी और गैर बीजेपी की लड़ाई लड़ रही है।  ये देश यहाँ  के लोगों का है, ना तो कांग्रेस का और ना भाजपा का।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के श्वेत पत्र (White Paper) जारी करने के बाद मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) सामने आये।  उन्होंने कहा कि  जिनके नेता कोरोना को इंडियन वैरिएंट कहते हो जिनके नेता वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन कहते हों, जो संकट के समय घर से ही नहीं निकले वो कोरोना पर श्वेत पत्र (White Paper) जारी कर रहे हैं।  राहुल गांधी कोरोना आपदा में एक अस्पताल में गए हों एक राहत शिविर, कहीं अनाज बांटते, दवा बांटते दिखे हो तो उन्हें अधिकारी है कोरोना पर श्वेत पत्र जारी करने का।

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नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने कहा कि अच्छा होता कि राहुल गांधी इमरजेंसी पर श्वेत पत्र जारी करते , अच्छा होता राहुल गांधी 1984 के दंगों पर श्वेत पत्र जारी करते, अच्छा होता राहुल गांधी भोपाल त्रासदी पर श्वेत पत्र जारी करते, अच्छा होता कश्मीर से हिन्दुओं के पलायन पर श्वेत पत्र जारी करते।  वो तो खुद ही कोरे कागज हैं आकर खुद ही खड़े हो जाएँ तो श्वेत पत्र ही है।

 

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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