Raisen News: NCPCR के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने प्रशासन और पुलिस पर लगाए आरोप, पढ़ें पूरी खबर

मुख्यमंत्री ने मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी केएल अतुलकर और तीन उप निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही मंडीदीप श्रम निरीक्षक राम कुमार श्रीवास्तव को भी निलंबित कर दिया गया है।

Raisen News : मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से बड़ी खबर सामने आई है, जहां नाबालिग बच्चों से काम करवाने का मामला सामने आया है। दरअसल, शनिवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्री का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि यहां लगभग 50 नाबालिग बच्चे शराब बना रहे हैं। इस मामले में यह भी बात निकलकर सामने आई है कि इन बच्चों को स्कूल बस के जरिए फैक्ट्री में लाया जाता था। बता दें कि मुख्यमंत्री ने मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी केएल अतुलकर और तीन उप निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही मंडीदीप श्रम निरीक्षक राम कुमार श्रीवास्तव को भी निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस-प्रशासन पर लगाए आरोप

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस मामले को लेकर एमपी ब्रेकिंग न्यूज के साथ खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने प्रशासन और पुलिस पर यह आरोप लगाया है कि फैक्ट्री से रेस्क्यू किए गए नाबालिग बच्चों में से रातों रात 39 बच्चों को गायब कर दिया गया। आगे उन्होंने बताया कि हमने काफी प्रयास किए लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है। फिलहाल, हमारी प्राथमिकता है बच्चे सही सलामत मिल जाए। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बच्चों को मिलेगा मुआवजा

आगे अध्यक्ष कानूनगो ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बच्चों के मामले में काफी संवेदनसील हैं। उनके प्रयास इस सकारात्मक रहे हैं। दूसरे राज्यों को भी इन गतिविधियों का अनुसरण करना चाहिए। वहीं, रायसेन में इस तरह की घटना कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। दरअसल, जब बच्चे बाल श्रम की परिस्थितियों में रेस्क्यू किए जाते हैं, तो इसमें दो प्रकार की कार्यवाही होती है। पहली प्रक्रिया के तहत, CWC आयोग द्वारा इसकी निगरानी रखी जाती है, जबकि SDM का यह काम होता है कि वह उनका बयान लेकर यह तय करेंगे कि यह बॉन्डेड लेबर थे या नहीं। आगे उन्होंने कहा कि रायसेन में एक आश्रम मिला था, जहां एक कारखाना मालिक का स्कूल भी है। संदेह यह है कि उन आश्रम के बच्चों का स्कूल में नाम दर्ज करवाकर उनसे बाल श्रम करवाया जा रहा था। आगे उन्होंने बताया कि यदि मामले में प्रमाण मिल जाता है, तो बच्चों को मुआवजा भी मिलेगा।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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