सोम डिस्टलरी मामले में कलेक्टर की रिपोर्ट पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने जताया असंतोष, पत्र लिखकर 3 दिन में माँगा कई बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण   

15 जून को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR के अध्यक्ष प्रिनक कानूनगो ने रायसेन जिले में सेहतगंज  स्थित सोम डिस्टलरी का आकस्मिक निरीक्षण किया था, निरीक्षण के दौरान उन्हें 59 बाल श्रमिक मिले।

NCPCR

Som Distillery Raisen case : रायसेन स्थित शराब की कंपनी सोम डिस्टलरी मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को अपर सचिव श्रम विभाग मप्र के माध्यम से भेजी गई रायसेन कलेक्टर की रिपोर्ट पर आयोग ए असंतोष जताया है, योग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के निर्देश पर कलेक्टर को पत्र लिखकर कई बिन्दुओं पर स्पष्ट जानकारी चाही है, आयोग ने कहा है कि तीन दिन के अन्दर पुनः रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

बाल आयोग अध्यक्ष को निरीक्षण में सोम डिस्टलरी में काम करते मिले थे बाल श्रमिक 

आपको बता दें कि 15 जून को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR के अध्यक्ष प्रिनक कानूनगो ने रायसेन जिले में सेहतगंज  स्थित सोम डिस्टलरी का आकस्मिक निरीक्षण किया था, निरीक्षण के दौरान उन्हें 59 बाल श्रमिक मिले जिस पर आगे की कार्यवाही के लिए कलेक्टर और एसपी रायसेन 19 जून 2024 को पत्र भेज गया था जिसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। निरीक्षण में आयोग अध्यक्ष ने देखा कि जो बच्चे शराब बनाने के काम में  लगे थे उनकी हाथ की त्वचा गलने जैसे स्थिति में दिखाई दे रही थी।

कलेक्टर की जाँच रिपोर्ट पर NCPCR ने जताया असंतोष 

आयोग ने सोम डिस्टलरी में पाया कि यहाँ ना सिर्फ़ श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा था बल्कि बच्चों से संबंधित कानून का भी मखौल उड़ रहा था, आयोग के खुलासे के बाद सरकार भी एक्शन में आयर और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि दोषी कोई भी हो बचना नहीं चाहिए, उसके बाद श्रम विभाग को रायसेन कलेक्टर ने जाँच रिपोर्ट भेजी जो राष्ट्रीय बाल आयोग को भेजी गई जिसपर आयोग ने असंतोष जताया है और नए सिरे उल्लेखित बिन्दुओं पर स्पष्ट जानकारी 3 दिन में भेजने के निर्देश दिए हैं।

DM Raisen reg. Som Distilleries 15.7.24

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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