सहकारी बैंक में 100 करोड़ रूपए का महाघोटाला उजागर, जांच में खुल सकते हैं कई बड़े राज, जानें पूरा मामला

Lalita Ahirwar
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शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। शिवपुरी जिले के सहकारी बैंक सुर्खियों में आ गया है। सहकारी बैंक में हुए घपले कि चर्चा आज गांवों से लेकर प्रदेश तक गूंज रही है। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार में कर्जमाफी के समय पर भी सहकारी बैंक और संस्थाऐं कर्जमाफी के समय ऐसे लोगों के नाम सामने आए थे जिन्होंने कभी लोगन लिया ही नहीं था। जिसके बाद अब शिवपुरी जिले को मिलाकर सहकारी बैंक में करीब 100 करोड रूपए का महाघोटाला सामने आया है।

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बताया जा रहा है कि जिला सहकारी बैंक मर्यादित शिवपुरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लता कृष्णनं ने सहकारी आयुक्त भोपाल को 31 जुलाई को एक पत्र लिखा। इस पत्र में शिवपुरी के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में सीबीएस सिस्टम में ऋण वितरण के आंकडो में 100 करोड़ रूपए के लगभग का अंतर पाया गया है। बताया जा जा रहा हैं कि बैंक स्तर लेखा कक्ष के द्वारा मांग राशि 184 करोड है जबकी सीबीएस कोर कम्प्यूटर के आधार पर यह राशि 287 करोड़ दिख रही हैं। ऐसे में लगभग बैलेंस शीट में 100 करोड का अंतर पाया गया हैं। वहीं बताया जा रहा है कि हस्तलिखित बैलेंस में आंकडे सही पाए जा रहे हैं लेकिन बैंक के कोर कम्प्यूटर सिस्टम में लगभग 100 करोड़ रूपए का अंतर बैलेंस शीट में दिख रहा है। यह 100 करेाड रूपए वर्तमान वित्तवर्ष की बैंकिक में गायब हो रहे हैं।

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बैंक की कार्यपालन अधिकारी लता कृष्णनं द्धारा भेजे गए आयुक्त को इस पत्र पर भोपाल सहकारता आयुक्त ने डॉ अनिल वर्मा संयुक्त आयुक्त सहकारिता भोपाल को जांच टीम का प्रमुख बनाया है जिसमें विभाग के 12 अन्य अधिकारीयों को शामिल किया गया है। जांच दल गठित होने से पहले 31 जुलाई 2021 को 2 करोड़ रूपए जमाकर मामले में कुछ राहत देने का प्रयास भी किया था। वहीं अब सहकारिता आयुक्त भोपाल के आदेश से बनी जांच टीम अब इस महाघोटाले की जांच करेगी। जां में और भी कई नए खुलासे होने का अनुमान है।

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कोलारस से जुड़े है घोटाले के तार,5 निलंबित

इस महाघोटाले के तार कोलारस सहकारी बेंक से जुड़े हैं। जिसमें प्रारम्भिक जांच के तौर पर बैंक मेनेजर रमेश कुमार, पूर्व बैंक मेनेजर ज्ञानेन्द्र शुक्ला, कैशियर राकेश पाराशर, कम्प्यूटर ऑपरेटर रेणु शर्मा सहित 5 लोगों को सस्पेंड कर दिया है जिनपर षड़यंत्र पूर्वक घोटाला करने के आरोप लगे हैं। घोटालेबाजों के द्वारा अपने परिजनों और परिचितों को भी इस घाटाले में शामिल कर सरकारी राशी को ठिकाने लगाया गया है। इस महाघोटाले की जांच में कई और विभाग से जुड़े लोगों के खुलासे होने की उम्मीद है।

बताया जा रहा है कि सहकारी बैंक कोलारस से सस्पेंड होने वाले बैंककर्मियों के परिजन, परिचित एवं कर्मचारी भी लाखों के आसामी बताए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि घोटाला होने के बाद सस्पेंड हुए बैंककर्मियों के परिचित और कर्मचारियों में भी हड़कंप कि स्थिती है और जिनके नाम घोटाले से जुड़े हैं वह अब फरार होने कि योजना बना रहे हैं। सूत्र बताते है कि बैंक में आसीन होने का फायदा उठाते हुए घोटालेबाजों ने अपने यहां काम करने वाले कई लोगों एवं परिचितों को अंधेरे में रखते हुए उनके दस्तावेजों का गलत इस्तिमाल किया है। जबकि अंजान लोग आगे होने वाली कार्रवाई से डरे हुए हैं।


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