सीहोर, अनुराग शर्मा। विश्वव्यापी बीमारी कोविड के कहर से भारत सहित अन्य देश बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस बीमारी के चलते लाखों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। बीमारी से मृत लोगो का प्रशासन ने या परिजनों ने जैसे-तैसे अंतिम संस्कार तो कर दिया पर हिन्दू मान्यताओं के अनुसार अंतिम संस्कार करने के बाद पिंड दान करना, अस्थि विसर्जन वहीं हो पाया है। यहां लोगों ने कोरोना के खौफ के चलते अपनों का अंतिम संस्कार तो कर दिया पर अस्थियां लेने आज तक नहीं आये।
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बता दें, कोविड के चलते अपनी जान से हाथ गवाने वाले ऐसे 350 से अधिक मृत लोगों की अस्थियां नगर के मुक्तिधाम में बिखरी पड़ी हैं। कुछ लोगो ने अपने परिजनों की अस्थियों का संचय तो किया पर उसके बाद उन अस्थियों को मुक्तिधाम के लॉकर या यहां मौजूद पेड़ पर लटकाकर चले गए। विगत 2 वर्षों में कोरोना के कहर से जान गवाने वाले कि अस्थियों को मुक्तिधाम के कर्मी घनश्याम चौहान ने एक जगह इकट्ठा कर दिया है। मुक्ति धाम में 350 से अधिक लोगो की अस्थियां ढेर के रूप में लावारिस हालात में बिखरी पड़ी हैं। कोरोना के भय से या अन्य किसी कारण से भले ही इन मृत लोगो की अस्थियों का विसर्जन मान्यताओं के अनुसार नहीं हुआ है पर ऐसे में अब सवाल ये है कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार इन मृत लोगों को मोक्ष की प्रप्ति कैसे होगी? मुक्ति कैसे मिलेगी?