सीहोर, अनुराग शर्मा। सीहोर जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां लोगों ने किसी इंसान की नहीं बल्कि खराब सोयाबीन की फसल की अर्थी निकाल कर उसका अंतिम संस्कार किया। यहां बड़नगर में किसानों ने सोयाबीन की अर्थी निकाली जिसके बाद खेत पर जाकर उसकी अर्थी जलाई और पेड़ पर बैठकर घंटी भी बजाई।
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दरअसल सीहोर के बडनगर गांव में किसानों ने अनोखा प्रदर्शन किया। इन किसानों में खराब सोयाबीन फसल को लेकर काफी रोष है। यहां किसानों ने खराब सोयाबीन फसल की अर्थी बनाकर यात्रा निकाली और अंतिम संस्कार किया। पेड़ पर बैठकर किसानों ने घंटी भी बजाई उनका कहना है कि उनकी फसलें चौपट हो गई हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन ने अभी तक सर्वे नहीं कराया। हम अब सोयाबीन की फसल नहीं बोएंगे। बुधनी नसरुल्लागंज रेहटी में भी सबसे ज्यादा फसल बर्बाद हुई हैं। जिले में सोयाबीन का कुल कारोबार 2 लाख 82 हजार हेक्टेयर है। इसकी अरली वैरायटी को नुकसान हुआ है।
कहई जगह पर तो खेत खराब हो गए हैं। नसरुल्लागंज, बुधनी और रेहटी में सोयाबीन 40% तक खराब हो गया है। बड़नगर में सोयाबीन में अफलन की स्थिति बन गई है जिससे पौधे में फलियां ही नहीं निकली। जिसके रोष में अब सीहोर किसानों ने सोयाबीन की फसलों का अंतिम संस्कार कर दिया।