खड़ी तालाब डूब में आई भूमि का मुआवजा दिया जाए: हाईकोर्ट

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आष्टा। मोहम्मद सादिक।

ग्राम खड़ी में ग्राम पंचायत खड़ी के तत्कालीन सरपंच प्रहलादसिंह वर्मा द्वारा एक तालाब वर्ष 2002-2003 में शासन की राशि से निर्माण करवाया गया था। इस तालाब में ग्राम के सुमनबाई, भागवंताबाई, सौदराबाई, शिवनारायण, बाबूलाल मंडलोई की 13 एकड़ 17 डेसीमल भूमि डूब में आ गई थी। इसमें तालाब के पानी का भराव हो गया था। ग्राम पंचायत ने इनकी भूमि में पानी भराव के लिए इनकी सहमति भी नही ली थी। इन लोगों ने ग्राम पंचायत ने अपनी आपत्ति दर्ज की थी, ग्राम पंचायत द्वारा इनको कृषि भूमि का लागत मूल्य मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन ग्राम पंचायत एवं शासन द्वारा इन लोगों को मुआवजा नही दिया गया। पीड़ित पक्षकारों ने शासन से 2003 से ही यह मांग की थी कि हमारी भूमि का हमें लागत मूल्य दिलाया जाए, लेकिन शासन द्वारा नही सुना गया था और इन्हें मजबूरन हाई कोर्ट जबलपुर रीट पीटिशन दायर करना पड़ी। जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा न्यायमूर्ति जस्टीस संजय द्विवेदी द्वारा पक्षकारों के पक्ष में यह फैसला दिया गया कि शासन इनकी भूमि का 6 माह के अंदर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अंतर्गत निराकरण करें और उक्त भूमि तालाब में अधिग्रहित कर इनको इनकी कृषि भूमि का मुआवजा भुगतान करें, यदि शासन ने 6 माह के अंदर इन किसानों की कृषि भूमि का मुआवजा नही दिया तो उन्हें न्यायालय के आदेश से 9 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सहित राशि का भुगतान करना पड़ेगा। खड़ी ग्राम का यह तालाब लगभग 9 लाख की लागत से बना था, इसमें ग्राम की लगभग 1 हजार एकड़ कृषि भूमि सिंचित होती है एवं गांव के निस्तार एवं अन्य कामों में तालाब का पानी उपयोग में आता है। इस निर्णय से पीड़ित पक्षकार किसानों के साथ-साथ ग्रामवासी में भी खुशी की लहर व्याप्त है। अब यह तालाब बड़ा रूप लेगा और गांव में इस तालाब के जलभराव से सिंचित एरिया बढ़ेगा तथा अन्य कामों में तालाब के पानी का उपयोग होता रहेगा। 


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