सीहोर। अनुराग शर्मा| लोकसभा चुनाव के एलान के साथ ही माहौल भी अब चुनावी हो गया है| चोपलें सजने लगी हैं, जहां सिर्फ यही चर्चा है कि अबकी बार किसकी सरकार| प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है| राजनीतिक लिहाज से ख़ास माने जाना वाला सीहोर जिला कुल तीन सांसद चुनने के लिए मतदान करेगा। जिले में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही रहेगा। एक ओर जहां सीहोर जिले मेंं भाजपा अपने विधानसभा चुनाव के परफारमेंस को दोहराने में जुटेगी, वही कांग्रेस के पास चुनौती रहेगी कि वह भाजपा के अभेद गढ़ को भेद सके। लोकतंत्र का उत्सव कब मनाया जाएगा, यह तय हो गया है, सीहोर जिले में कुल चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें सीहोर विधानसभा भोपाल लोकसभा क्षेत्र में आती है| जबकि इछावर और बुधनी संसदीय क्षेत्र विदिशा के अंतर्गत आती है और आष्टा देवास संसदीय क्षेत्र में आती हे| इस प्रकार सीहोर जिले के मतदाता तीन सांसद चुनने के लिए मतदान करेंगे।
जिले के राजनीतिक समीकरणों पर गौर किया जाए तो जिले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का खासा प्रभाव है, जिसका लाभ विगत कई चुनावों में सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी को मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में सीहेार जिले की चारों सीटें भाजपा ने आसानी से जीत ली। वहीं दूसरी ओर जिले में बीते कुछ समय से कांग्रेस के प्रादेशिक नेताओं ने सक्रियता दिखाई है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह , मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के प्रभाव को आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालांकि जब लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा पार्टी कर देगी, उसके बाद नए सिरे से समीकरण बनेंगे, लेकिन दोनों ही पार्टियों के लिए यहा लोकसभा चुनाव प्रतिष्ठापूर्ण रहेगा। कांग्रेस के लिए अपना खोया हुआ जनाधार पाने की चुनौती रहेगी तो भारतीय जनता पार्टी के सामने अपनी मजबूती बरकरार रहे इसके लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। हालांकि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के बाद जिले के दमदार नेता पूर्व विधायक रमेश सक्सेना को कांग्रेस ज्वाईन कराकर एक बड़े वोट बैंक को प्रभावित करने का प्रयास किया है। इधर दूसरी ओर जिले में विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदाता बढ़ गए हैं अर्थात् लोकसभा चुनाव में अब विधानसभा चुनाव के मुकाबले अधिक मतदाता मतदान करेंगे, हालांकि मतदान केन्द्रों की सं या अभी भी 1205 ही है। अन्य मतदाताओं की सं याओं में कमी दर्ज की गई है। विधानसभा चुनाव के समय अन्य मतदाताओं की 26 थी जो अब 22 रह गई है।
इतने हैं मतदाता
विधानसभा चुनाव 2018 तक सीहोर जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 887373 थी, जो अब 907315 हो गई है। विधानसभा क्षेत्र सीहोर में कुल मतदाताओं की संख्या 194578 थी, जो अब 200555 हो गई है। इछावर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 199650 थी जो अब 204042 हो गई है। विधानसभा क्षेत्र आष्टा में कुल मतदाताओं की संख्या 248274 थी जो अब 252996 हो गई है। विधानसभा क्षेत्र बुधनी में कुल मतदाताओं की संख्या 244871 थी जो अब 249722 हो गई है।
बीजेपी को मिलती रही है सफलता
उल्लेखनीय है कि सीहोर जिले में कुल चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें सीहोर, आष्टा, बुधनी और इछावर सम्मलित है , वर्तमान में चारों विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक निर्वाचित हैं। इनमें सीहोर विधानसभा क्षेत्र तो भोपाल लोकसभा क्षेत्र में आता है, जहां से सांसद आलोक संजर हैं, जबकि बुधनी और इछावर विधानसभा क्षेत्र विदिशा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां से सांसद सुषमा स्वराज हैं, जो वर्तमान में केन्द्रीय विदेश मंत्री भी हैं। आष्टा विधानसभा क्षेत्र देवास लोकसभा क्षेत्र में आता है, जहां से सांसद मनोहर ऊंटवाल बने। एक जिला तीन लोकसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ हैं, ऐसे में जिले में जब लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार शुरू होता है तो जिले में चुनाव का नजारा और समीकरण काफी रोचक नजर आते हैं| हालांकि पिछले कुछ चुनावों में औसतन परिणाम देखा जाए तो जिले से अधिकाँश भारतीय जनता पार्टी को ही बढ़त मिलती रही है। इस बार चूंकि प्रदेश में सत्ता परिवर्तित हो गई है और कांग्रेस की सरकार आ गई है, तब जिले में कांग्रेस के नेताओं के दौरे तेज हो गए हैं, शहरी क्षेत्र में और ग्रामीण अंचल में कांग्रेस के नेता ध्यान दे रहे हैं और जिले के नेताओं को कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं का मार्गदर्शन भी मिल रहा है।
भाजपा कांग्रेस सक्रिय
देखा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सीहोर जिले के दौरे पर आते रहे हैं, वहीं प्रभारी मंत्री आरिफ अकील भी जिले में अनेक बैठके लें चुके हैं। इस लिहाज से कांग्रेस भाजपा के अभेद गढ़ को भेदने में पहले से ही कोशिशें करने लगी हैं। चुनावी तारीखों के एलान के बाद आगामी कुछ दिनों में जिले में राजनीतिक सक्रियता निश्चित तौर पर बढ़ेगी।