शर्मसार हुई शिक्षा : फीस वसूलने गैंग रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने से भी नही डरा स्कूल प्रबंधन, भेजा पिता सहित जिला अधिकारियों को पत्र

यह घटना शिक्षा व्यवस्था की शर्मनाक स्थिति को दर्शाती है। एक तरफ सरकार लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है और दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन गैंग रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने से भी नहीं डर रहा है। यह घटना पीड़िता और उसके परिवार के लिए बहुत ही दुखद और अपमानजनक है।

भावना चौबे
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शर्मसार हुई शिक्षा

कहते हैं विद्या का दान इस दुनिया में सबसे बड़ा होता है। लेकिन मध्य प्रदेश के एक निजी स्कूल ने इस बात को पूरी तरह नकारते हुए यह साबित किया है कि पैसे से बड़ा ना कोई दान होता है ना ही कोई इंसान होता है। और इसी पैसे की मांग को लेकर स्कूल द्वारा ना केवल गैंग रेप पीड़िता के पिता को नोटिस भेजा गया, बल्कि पिता सहित जिले के अन्य अधिकारियों को भी इसकी प्रति भेजी गई। जो सबसे शर्मनाक बात इस पत्र ने देखने को मिली वह थी इस पत्र में साफ साफ उजागर किया गया रेप पीड़िता का नाम।

स्कूल प्रबंधन ने दिया 14 लाख का नोटिस

आपको बता दें, स्कूल द्वारा यह नोटिस पीड़िता के पिता को 2018 से लेकर 2023–2024 के शैक्षणिक सत्र के लिए भेजा गया है। इसमें खर्चों का ब्योरा लिख ना केवल पिता से राशि की मांग की गई है बल्कि जिलाधीश से उक्त राशि का भुगतान कराने के बात भी लिखी गई है। पत्र में स्कूल द्वारा कोरोना काल और इसके दौरान आई परेशानियों की बात कहकर स्कूल की आर्थिक स्थिति का हवाला दिया गया है। पत्र में यह भी बताया गया है कि महंगाई बढ़ जाने के कारण स्कूल को अन्य खर्चों और देन दारियों में भी कठिनाई आ रही है इसी वजह से स्कूल का भुगतान कराया जाए।

शिवराज ने ली थी पीड़िता की पढ़ाई की ज़िम्मेदारी

दरअसल मामला है वर्ष 2018 का जब दरिंदों द्वारा मदसौर में मासूम के साथ घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद सीएम शिवराज मासूम से इंदौर के अस्पताल में मिलने पहुंचे थे और इसे अपनी बेटी बनाकर इसके पढ़ाई खर्च को सरकार की ओर से वहन करने की घोषणा की थी। लेकिन बावजूद शिवराज के कहने के स्कूल द्वारा पिछली साल भी पीड़िता के पिता को नोटिस भेजा गया। इस मामले में सरकार को तब हस्तक्षेप करना पड़ा। लेकिन आज स्कूल ने यह नोटिस भेजकर और उसमें पीड़िता का नाम उगाकर कर इंसानियत की सभी मर्यादाओं को पार कर दिया गया है।

बीजेपी नेता ने की सीएम मोहन यादव से यह मांग

अब इस मामले में मंदसौर पूर्व बीजेपी एमएलए यशपाल सिंह सिसौदिया ने सीएम से कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया पोस्ट पर सिसौदिया ने लिखा है कि

“शासन के निर्दशों का पालन कराने का काम अधिकारियों का होता है,दुष्कर्म से पीडिता व बहन की 14 लाख बकाया फीस के मामले में निजी विद्यालय द्वारा इंदौर कलेक्टर को पत्र लिखकर बिटिया के नाम का उल्लेख करना आपत्तिजनक है, मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से आवश्यक कार्यवाही की अपेक्षा है।”


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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