विधायक का अनोखा प्रदर्शन, गौवंश का शव लेकर पहुंच गए कलेक्ट्रेट,”गौमाता अमर रहे” के नारे लगाये

सीएम डॉ मोहन यादव और उनकी  सरकार को घेरते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि ये सरकार गायों के नाम पर राजनीति और भ्रष्टाचार कर रही है, उसने निराश्रित गौवंश के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है।

Congress MLA Babu Jandel protest

Protest with dead body of cow: अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहने वाले श्योपुर के कांग्रेस विधायक बाबू जण्डेल एक अनोखा प्रदर्शन कर फिर चर्चा में आ गए हैं, गौमाता की मौत से दुखी और आक्रोशित विधायक जी क्षेत्रीय लोगों के साथ गाय के बछड़े के शव को लेकर ही कलेक्ट्रेट पहुंच गए और उन्होंने वहां प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर गौमाता की अनदेखी के आरोप लगाये।

गाय के बछड़े का शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए कांग्रेस विधायक, किया प्रदर्शन 

श्योपुर में गायों की मौत से आक्रोशित कांग्रेस विधायक बाबू जण्डेल इतने आक्रोशित हो गए कि वे आज अपने क्षेत्र की जनता के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गये, इस प्रदर्शन की खास बात ये रही कि जनता के साथ विधायक जी एक गाड़ी में बछड़े के शव को लेकर भी गए। कांग्रेस विधायक और जनता ने ज्ञापन देने से पहले वहां बैठकर धरना दिया और गौमाता अमर रहे के नारे लगाये, कांग्रेस विधायक बाबू जण्डेल ने गायों की दुर्दशा के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार को दोषी बताया, उन्होंने गायों की मौत पर दुखी होते हुए कहा कि इसमें हमारे देवताओं का वास है और भाजपा की सरकार इसे सड़क पर मरने के लिए छोड़ रही है।

सरकार पर लगाये गाय के नाम पर राजनीति और भ्रष्टाचार करने के आरोप 

सीएम डॉ मोहन यादव और उनकी  सरकार को घेरते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि ये सरकार गायों के नाम पर राजनीति और भ्रष्टाचार कर रही है, उसने निराश्रित गौवंश के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है, उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार ने शहर से लेकर पंचायत स्तर तक गौशालाएं खोली थी लेकिन वह बंद पड़ी है, निराश्रित गौवंश सड़कों पर दम तोड़ रहे है, जिला प्रशासन से मांग है कि निराश्रित गोवंश को गौशालाओं में भिजवाया जाए, उनके लिए चारा-पानी के तमाम इंतजाम किए जाएं, कांग्रेस विधायक ने कहा हमने इस सत्र में ये मुद्दा उठाया था यदि अभी भी स्थितियां नहीं सुधरी न तो फिर विधानसभा में इस मुद्दे को मैं उठाऊंगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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