लोकायुक्त टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते हुए पटवारी को रंगे हाथ पकड़ा

Amit Sengar
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सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार। मध्यप्रदेश के सिंगरौली (singrauli) जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है की सरई तहसील क्षेत्र के अंतर्गत पिडरा हल्का पटवारी अनुभव त्रिपाठी को 15000 की रिश्वत लेते हुए रीवा लोकायुक्त ने रंगे हाथों ट्रेप किया है उक्त रिश्वत की राशि स्थानीय पत्रकार द्वारा दी जा रही थी कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद पटवारी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है बताया गया है कि रिश्‍वत भूमि के नामांतरण के लिए मांगी दी गई थी जिसकी शिकायत लोकायुक्‍त कार्यालय में की गई थी।

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लोकायुक्त टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते हुए पटवारी को रंगे हाथ पकड़ा

आपको बता दें कि शिकायतकर्ता पत्रकार जीतेंद्र कुमार तिवारी पिता उमेश कुमार तिवारी निवासी कराई तहसील सरई जिला सिंगरौली की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई की है, कार्रवाई के बारे में लोकायुक्त टीम ने बताया कि बिक्री 28 भूमियों के नामांतरण के एवज में 56000 की रिश्वत की मांग पटवारी द्वारा की गई थी जिसकी फरियादी ने शिकायत रीवा लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से की थी।

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पुलिस अधीक्षक गोपाल धाकड़ ने मामले का सत्यापन कराने के पश्चात आज रीवा लोकायुक्त निरीक्षक जिया उल हक के नेतृत्व में 15 सदस्य टीम पहुंची जैसे ही ग्राम पीपर खाड़ स्थित जंगल में पटवारी ने पहली किश्त 15000 की रिश्वत शिकायतकर्ता से ली वही मौके पर मौजूद लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। गौरतलब है कि कल ही सिंगरौली जिले में लोकायुक्त पुलिस ने एक रेंजर को 20000 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था, लगातार आज दूसरे दिन सिंगरौली जिले में पटवारी को धर दबोचा गया।

लोकायुक्त टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते हुए पटवारी को रंगे हाथ पकड़ा

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आपको बता दे कि कुछ माह से मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में लोकायुक्त की लागातार अधिकारियों कर्मचारियों पर हो रही कार्यवाही यह साबित कर दिया है चाहे कोई भी विभाग हो सिंगरौली जिले में बिना रिश्वत के कोई कार्य नही होते चाहे उसकी शिकायत जिले के आलाधिकारियो तक ही क्यो न कि जाए और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यहाँ अधिकारी कर्मचारियों की पहुंच नेताओ तक होती है जिसके कारण जिले में बैठे आलाधिकारी भी कार्यवाही करने में पीछे हट जाते हैं जिसके कारण मजबूर होकर आम जनता को लोकायुक्त के पास जाना पड़ता है वही एक सवाल यह भी है कि लगातार हो रही कार्यवाही से सिंगरौली जिले का मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल में भी किरकिरी होने लगी है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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