ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर (Gwalior Police) की साइबर क्राइम ब्रांच द्वारा ऑनलाइन ठगी (online fraud) करने वाले गिरोह के एक और सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है। ये आरोपी बैंक कर्मचारी है और मुख्य आरोपियों की मदद करता था। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने फर्जी पैन कार्ड और फर्जी आधार कार्ड से इसी कर्मचारी की मदद से ICICI बैंक की दो शाखाओं में 27 खाते खुलवाए थे और इन खातों पर पर्सनल लोन निकालने की कोशिश में थे लेकिन लोन निकल पाता उससे पहले ही गिरोह का खुलासा हो गया।
ग्वालियर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बुधवार को जिस ठग गिरोह को भंडाफोड़ कर उसके तीनों सदस्यों को गिरफ्तार किया है उनसे पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपी बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने, जिगोलो बनाने का झांसा देकर ठगी करते थे। ये लोग फर्जी दस्तावेज आधार कार्ड, पैन कार्ड बना लेते थे इसके लिए एक वेबसाइट का सहारा लेते थे। इन लोगों ने भारी मात्रा में फर्जी सिम कार्ड भी खरीद रखे थे जिसकी मदद से ये ठगी करते थे।
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पुलिस ने जब आरोपियों के कथित ऑफिस की तलाशी ली तो वहां से 30 मोबाइल सिम, 56 ATM कार्ड, 50 आधार कार्ड, 20 पैन कार्ड दीपक ट्रेडिंग कंपनी के रजिस्ट्रेशन की प्रिंट की कॉपी, सील, 10 कीपैड मोबाइल, एपल कंपनी का लैपटॉप मय सिम मिला। मालूम चला है कि दीनदयाल नगर में दीपक ट्रेडर्स के नाम से ऑफिस चलाते थे जिसमें बैठ का राई मेल एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर युवकों को ठगते थे चूँकि ठगी मेल एस्कॉर्ट सर्विस यानि जिगोलो बनाये जाने के नाम प् रहती थी तो कोई शिकायत करने आगे नहीं आया।
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एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों से कड़ी पूछताछ की गई तो आरोपियों ने जॉब फ्रॉड के साथ बैंक लोन फ्रॉड करना भी स्वीकार किया। जॉब फ्रॉड के नाम पर इन लोगों ने देश भर के सैकड़ों युवकों के साथ ठगी की है इसके अलावा इन लोगों ने बैंक लोन फ्रॉड की भी बड़ी प्लानिंग की थी।
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आरोपियों ने ICICI बैंक की अलका पूरी और दीनदयाल नगर ब्रांच में कुल 27 खाते खुलवाए थे, इन खतों की चैकबुक और एटीएम कार्ड भी इश्यू करा लिए थे। शातिर आरोपी इन खातों पर पर्सनल लोन निकालने की कोशिश में थे। ये एक खाते पर 4 लाख लोन निकालने वाले थे। बैंक 6 महीने में लोन देता, साढ़े चार महीने हो चुके थे डेढ़ महीने बाद इन्हें पर्सनल लोन मिल जाता।
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पुलिस ने बताया कि जब ICICI बैंक के कर्मचारी से पूछतछ की गई, तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया वो अलकापुरी ब्रांच में सेल्समेन है। पुलिस ने बताया कि शातिर आरोपी बैंक लोन सेटलमेंट के नाम पर भी ठगी करते थे। ये बैंकों से लोन का डाटा चोरी कर लोन लेने वाले व्यक्ति को बैंक के रिकवरी डिपार्टमेंट का बताकर सेटलमेंट की बात करते थे और ठगी करते थे। पुलिस सभी खतों की डिटेल, स्टेटमेंट निकलवा रही है। पुलिस को कई बड़े खुलासों की उम्मीद है।