ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के बाद सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ग्वालियर में अनलॉक (Unlock) शुरू किया। ग्वालियर जिला प्रशासन ने मार्केट (Market) को कड़ी शर्तों के साथ खोलने के निर्देश दिए। दुकानदारों ने भी सहमति दी कि हम कोरोना गाइड लाइन (Corona Guide Line) का पालन करते हुए ही दुकाने खोलेंगे लेकिन एक दिन बाद ही यानि अनलॉक (Unlock) के तीसरे दिन ही दुकानदार नियम भूल गए। मार्केट (Market) में सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की धज्जियाँ उड़ने लगी। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए शहर की दो मार्केट को बंद कर दिया और तीन दुकानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
01 जून से जिले में शुरू हुए अनलॉक में कोरोना गाइड लाइन के पालन की कड़ी शर्तों के साथ जिला प्रशासन ने मार्किट खोलने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने सभी व्यापारियों से नियमों का पालन करने की अपील की थी और प्रशासनिक अधिकारियों से नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन अनलॉक के एक दिन बाद ही मार्केट में सोशल डिस्टेंसिंग जैसे महत्वपूर्ण नियम की मार्केट में धज्जियाँ उड़ने लगी।
शहर के हृदयस्थल महाराजबाड़े पर स्थित दो प्रमुख मार्केट नजरबाग मार्केट और सुभाष मार्केट में ग्राहकों की भारी भीड़ जुटने की प्रशासन को खबर मिली। हालाँकि लेफ्ट राइट के फार्मूले पर मार्केट की एक साइड की दुकाने बंद थी और एक साइड की खुली थी फिर भी मार्केट में भीड़ बहुत थी।
भीड़ की सुचना मिलते ही एसडीएम अनिल बनवारिया और टी आई कोतवाली राजीव गुप्ता मार्केट में पहुंचे और व्यापारियों को फटकार लगाई एवं ग्राहकों को मार्केट के बाहर किया। एसडीएम के निर्देश मिलते ही पुलिस ने मार्केट की दुकानों को बंद करा दिया। एसडीएम ने तीन दुकानों पर कार्रवाई की। एक दुकान को सील कर दिया एक पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया और एक दुकान के सामान को जब्त कर लिया।
एसडीएम अनिल बनवारिया ने बताया कि मार्केट में दूकानदार और ग्राहक दोनों ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे। दुकान के अंदर पांच छह व्यापारी बैठे हैं वहीँ उनकी दुकान के बाहर भी इतने ही ग्राहक खड़े हैं कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहा। इसलिए मार्केट बंद करा दी हैं। अनलॉक से पहले मीटिंग में इन सभी कको निर्देश दिए गए थे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अब जैसा वरिष्ठ अधिकारी निर्देश देंगे वैसा फैसला लिया जायेगा।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....