Fraud In Mahakal Mandir: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इन श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के लिए मंदिर समिति की ओर से कई तरह के प्रबंध किए गए हैं। सामान्य दर्शन से लेकर शीघ्र दर्शन और वीआईपी टिकट सबकुछ मंदिर समिति द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है लेकिन इन सबके बीच भी ठगोरे श्रद्धालुओं को ठगने से बाज नहीं आ रहे हैं।
ताजा मामला उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ हुआ है जहां उनसे 750 की ऑनलाइन रसीद के बदले 4500 रुपए वसूल किए गए और दो फोटोकॉपी पकड़ा दी गई। प्रवेश के दौरान जब सुरक्षाकर्मी ने टिकट की जांच की तो हकीकत सामने आई। जानकारी लगने पर श्रद्धालुओं ने पहले मंदिर प्रशासन और उसके बाद महाकाल थाना में शिकायत दर्ज करवाई है।
लगातार जारी है Fraud In Mahakal
मंदिर समिति द्वारा कुछ समय पहले ही लगातार श्रद्धालुओं के साथ हो रही ठगी की वारदात को देखते हुए 750 रुपए की जलाभिषेक रसीद की ऑनलाइन बुकिंग प्रारंभ की है ताकि किसी तरह की ठगी को अंजाम जा दिया जा सके, लेकिन इसके बाद भी ठग सक्रिय हैं और वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
ऑनलाइन रसीद मामले में भी ठगी की वारदात होने से मंदिर समिति हैरान है। यूपी के श्रद्धालु ने बताया कि वो दो महिलाओं के साथ दर्शन के लिए आया था और जलाभिषेक करना चाह रहा था। स्लॉट खत्म हो जाने के चलते उन्हें ऑनलाइन रसीद नहीं मिल सकी। तभी प्रोटोकॉल कार्यालय के पास उन्हें राजेश नमक एक व्यक्ति मिला जिसने गर्भ गृह में दर्शन करवाने का भरोसा दिलवा कर तीनों को सुबह-सुबह मंदिर में बुलाया।
जब श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो इस व्यक्ति ने कोठरी नामक दूसरे शख्स से मिलवाकर रसीद देने को कहा। इस व्यक्ति ने 1500 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसे लिए और टिकट थमा दी। जब जांच की गई तो पता चला की 750 रुपए की एक टिकट बुक हुई है और बाकी की दो फोटोकॉपी है। ये देखकर जब श्रद्धालुओं को कंट्रोल रूम लाया गया तो उन्होंने सारी जानकारी दी। मामले में फूल प्रसाद वाले राजेश से भी पूछताछ की गई है और लिखित शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं।
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क्यूआर कोड ने खोली पोल
मंदिर समिति द्वारा पिछले महीने से ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम शुरू किया गया है। इस टिकट में क्यूआर कोड और श्रद्धालु का फोटो दोनों चीजें रहती हैं। इन्हें स्कैन करने के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जाता है। इस मामले में एक टिकट तो ठीक था लेकिन अन्य दो कॉपी होने के चलते मशीन ने इन्हें स्कैन नहीं किया और मामला सामने आया।
फर्जीवाड़े में ये शामिल
मामला सामने आने के बाद मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने सहायक प्रशासक मूलचंद जोनवाल और आईटी सेल प्रभारी राजकुमार सिंह को जांच के निर्देश दिए। जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो श्रद्धालुओं की शिकायत सही साबित हुई क्योंकि उनके साथ वहां पर मुकेश कोठारी खड़ा हुआ दिखाई दिया। मामला सही होने के बाद मंदिर प्रशासन ने महाकाल थाने को आगे की कार्रवाई के लिए श्रद्धालुओं की शिकायत के आधार पर पत्र लिखा है।
फुल प्रसादी विक्रेता राजेश वर्मा मुकेश कोठारी के अलावा दो अन्य व्यक्तियों के इस मामले में शामिल होने की बात कही जा रही है, ठगी में शामिल दो अन्य लोगों का भी जल्द ही पता लगाया जाएगा।। बीते 4 से 5 दिनों से इस तरह की शिकायत मंदिर समिति के पास पहुंच रही है, जिस कारण लगातार नजर रखी जा रही थी और बुधवार को यह मामला सामने आ गया। समिति के मुताबिक श्रद्धालुओं की शिकायत पर धारा 420 के आधार पर मामला दर्ज करवाया जा रहा है।