Ujjain News: 52 शक्ति पीठों में से एक उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर की शोभा बढ़ती जा रही है, शारदीय नवरात्रि के हिसाब से मंदिर को सजाया संवारा जा रहा है, नवरात्रि के नौ दिनों में यहाँ दूर दूर से भक्त आते हैं जिनकी भारी भीड़ यहाँ होती है जिसे देखते हुए पुजारियों की बैठक में फैसला लिया गया है कि नौ दिन तक मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा, इतना ही नहीं बैठक में सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलन शुल्क को पूर्व की तरह 3100/- रुपये ही निर्धारित रखने का फैसला लिया गया है।
51 फीट ऊँचे दो स्तम्भ पर जलती हैं दीपमालिका
हरसिद्धि माता का मंदिर करीब 2000 साल पुराना बताया जाता है ये देश की 52 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है, मान्यता है कि यहां पर माता की कोहनी गिरी थी, फिर बाद में यहां मंदिर का निर्माण कराया गया, देवी की मूर्ति भक्त को अपनी तरफ आकर्षित करती है तो यहां स्थापित दीपमालिका (51 फीट ऊँचे दो स्तम्भ ) भक्तों की आस्था का केंद्र है , अब साल भर भक्त इसे जलाने के लिए शुल्क जमा करते हैं।
प्रशासन की तरफ से नियुक्त तहसीलदार ने बदली थी शुल्क की व्यवस्था
आपको बता दें कि जिला प्रशासन की तरफ से पिछले दिनों हरसिद्धि मंदिर में तहसीलदार डीके सोनी को प्रबंधक नियुक्त किया गया था। उन्होंने पदभार संभालने के बाद मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार के कदम उठाने शुरू किये। उन्होंने बैठक कर शारदीय नवरात्र में दीपमालिका प्रज्वलित करने के लिए व्यक्ति अनुसार शुल्क लेने के आदेश जारी किए थे।
नवरात्रि में गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश रहेगा बंद
चूँकि अब मप्र चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद तहसीलदार चुनाव कार्य में व्यस्त हो गए तो दीपमालिका पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया उधर नए अधिकारियों ने बुधवार को पुजारियों के साथ बैठक की। बैठक में शारदीय नवरात्र के दौरान गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश बंद रखने का निर्णय लिया गया। पुजारियों ने उन्हें बताया कि पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार अधिकांश लोगों ने नवरात्र के लिए 3100 रुपये जमा कराकर दीपमालिका प्रज्वलित कराने की बुकिंग करा रखी है।
3100 रुपये ही लगेगा सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलन शुल्क
अधिकारियों के सामने समस्या रखते हुए पुजारियों ने बताया कि यदि अभी व्यक्तियों के अनुसार सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलन शुल्क लेने की नई व्यवस्था लागू की गई, तो जिन भक्तों ने 3100 रुपये की रसीद कटवा रखी है, वे विरोध करेंगे। इसलिए इस वर्ष इस प्रस्ताव को स्थगित रखा जाए तथा आने वाले वर्ष में इसे लागू किया जाए। बैठक में चर्चा के बाद फैसला लिया गया कि इस साल 3100 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क ही लिया जायेगा, अर्थात नवरात्र के नौ दिनों में स्पाट बुकिंग करने वाले श्रद्धालुओं को अब 3100 रुपये ही जमा कराना होंगे।