उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संक्रमण के चलते महाकाल मंदिर में दर्शन पर लगाई गई रोक 28 जून से समाप्त होने वाली है। अब कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए महाकाल के पट खुल जाएंगे। दर्शन को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है और इसी के तहत श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश मिलेगा।
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कोरोना की दूसरी लहर के चलते मार्च माह में महाकाल मंदिर उज्जैन में दर्शनों पर रोक लगा दी गई थी। इस रोक के तहत मंदिर में केवल पुजारी पूजा अर्चना कर रहे थे और आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी थी। जैसे-जैसे कोरोना का कहर खत्म होता जा रहा है और उज्जैन में कोरोना लगभग समाप्त होने की स्थिति में है, इसलिए मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए महाकाल के पट 28 जून से खोल दिए जाएं।
दर्शनों की नई व्यवस्था अब केवल ऑनलाइन स्लॉट की बुकिंग के माध्यम से ही हो सकेगी। दर्शन करने के इच्छुक श्रद्धालुओं को अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा और यदि उसने वैक्सीनेशन नहीं कराया है तो ऐसी स्थिति में उसे 24 से 48 घंटे पहले की RTPCR रिपोर्ट दिखानी होगी। एक समय में मंदिर में 6 से अधिक लोग दर्शन नहीं कर सकेंगे, इसकी व्यवस्था भी की गई है। मंदिर में दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क लगाना आवश्यक होगा और उसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग की पाबंदी भी लागू रहेगी। मंदिर प्रशासन भी इस बात के पुख्ता इंतजाम करेगा कि किसी भी तरह से कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो पाए। साथ ही मंदिर परिसर में सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी मंदिर प्रशासन का दायित्व होगा। यदि किसी भी तरह से कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी मंदिर प्रशासन की होगी, यह भी बात साफ कर दी गई है। कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले श्रद्धालुओं पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि उज्जैन में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप लगभग खत्म होने को है और गुरुवार को यहां केवल 5 कोरोना संक्रमित मिले। सुखद बात यह है कि किसी की भी जान कोरोना के चलते नहीं गई। अब जिले में 151 कोरोना एक्टिव मरीज बचे हैं।