विद्युत सप्लाई ठप हुई तो एसपी ने ऐसा कर लौटाया बाढ़ प्रभावित गांवों में उजाला

Atul Saxena
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भिंड, गणेश भारद्वाज। चंबल एवं सिंध नदियों में आई भयानक बाढ़ से भिंड जिले के 50 से अधिक गांवों की स्थिति बद से बदतर हो गई है। यहां प्रशासन की मदद से जनजीवन को पटरी पर लाने के प्रयास किये जा रहे है।  ऐसे में जिले के एसपी (sp bhind) के द्वारा किये गए नवाचार की चर्चा सब तरफ हो रही है।  उनके नवाचार से ग्रामीणों को थोड़ा उजाला मिल पाया है।

विद्युत सप्लाई ठप हुई तो एसपी ने ऐसा कर लौटाया बाढ़ प्रभावित गांवों में उजाला

बाढ़ के कारण भिंड जिले में विद्युत विभाग के 100 से अधिक ट्रांसफार्मर पानी में डूबने के कारण खराब हो गए है। यहां पर बिजली के खंभे उखड़ने से या फिर अभी भी बिजली के खंभे पानी में डूबे होने से बिजली सप्लाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में कई गांवों में पीने के पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। जिसकी वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह एवं ग्वालियर के एडीएम आशीष तिवारी ने नवाचार किया है।  दोनों अधिकारियों ने  ट्रैक्टरों में चलित जनरेटर के द्वारा पानी सप्लाई की व्यवस्था करने के लिए ऐसे ट्रैक्टरों को हायर किया गया है।

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इन चलित जनरेटर के जरिए बिजली उत्पन्न कर सबसे पहले बाढ़ प्रभावित ऐसे क्षेत्रों में पीने के पानी की सप्लाई की जाएगी जहां पर ट्यूबवेलों अथवा मोटर के जरिये पानी सप्लाई होती थी जो बिजली ना होने से वह बंद है और उसके बाद मोबाइल आदि चार्ज करने के लिए लोगों को कुछ समय के लिए बिजली दी जाएगी, ताकि वह अपने प्रिय जनों से बात कर सकें। एक एक ट्रैक्टर द्वारा अलग-अलग जगहों पर जाकर पानी की सप्लाई कराई जाएगी।

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भिण्ड कलेक्टर सतीश कुमार एस द्वारा लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिन रात दौरा कर राहत बचाव कार्य करने के चलते तबियत खराब होने के चलते ग्वालियर के एडीएम आईएएस आशीष तिवारी को कुछ समय के लिए जिले की बाढ़ आपदा राहत की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह द्वारा सुझाये गए इस नवाचार को उन्होंने फौरी तौर पर लागू करने के लिए तुरंत तीन ट्रैक्टरों को अधिग्रहित किया है। साथ ही ऐसे अन्य आर्मेचर और जनरेटर युक्त ट्रेक्टरों को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया भी चल रही है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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