150 से ज्यादा अस्थि कलशों का पूजन, माँ नर्मदा में किया जाएगा विसर्जन

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।  कोरोना काल के दौरान मृतकों की अस्थियों के मुक्तिधामों (Muktidham) में बड़ी संख्या में होने की खबरों से हर कोई आहत था, लेकिन अब नगर निगम प्रशासन और इंदौर की एक सामाजिक संस्था पुरुषार्थ के साझा प्रयासों के चलते वर्षो पुरानी अस्थियों के विसर्जन की तैयारी पूरी हो गई है।

रविवार सुबह इंदौर के तिलकनगर मुक्तिधाम में 2020 के पहले से अलग – अलग मुक्तिधामों में रखी अस्थियों को एकत्रित किया गया और तिलकनगर मुक्तिधाम प्रांगण में ही विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। हालांकि, ये बात भी स्पष्ट है कि इन अस्थियों में कोरोना काल के दौरान हुई मौतों के बाद दाह संस्कार किये गए शवों की अस्थियां शामिल नहीं है क्योंकि माना ये जाता है कि 1 से 2 वर्ष पुरानी अस्थियों के विसर्जन के लिए परिजन कभी भी मुक्तिधाम में संपर्क कर अस्थियों की मांग कर सकते है।

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इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर के मालवा मिल, रीजनल पार्क, तिलकनगर, खजराना मुक्तिधाम, विजयनगर मुक्तिधाम, जूनी इंदौर मुक्तिधाम और कुम्हारखाडी मुक्तिधाम से 150 से भी ज्यादा अस्थिकलशों निगम प्रशासन की अनुमति से प्राप्त कर उनका पुष्पांजलि समारोह किया गया। आज सुबह हुए इस आयोजन के बाद अब सभी अस्थियों का विसर्जन मोक्षयात्रा अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के जरिये पूर्ण श्रद्धा और सम्मान के साथ इंदौर से 60 किलोमीटर दूर खेड़ीघाट स्थित माँ नर्मदा नदी के तट पर पुष्पांजलि तथा शास्त्र सम्मत विधि की जायेगी और मृत हुए लोगो की आत्मा की शांति की प्रार्थना की जायेगी।

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समाजसेवी नानूराम कुमावत ने बताया कि लंबे समय से इस बात की जानकारी मिल रही थी लिहाजा, सभी युवाओ ने जिला कलेक्टर से बात की और फिर निगम के सहयोग से 2020 के पहले की अस्थियों का संग्रहण किया गया और आज उनका विसर्जन किया जाएगा।

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वहीं निगम अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर ने बताया कि कई अस्थियों को लेने लंबे समय से उनके परिजन नहीं आ रहे थे ऐसे में जिला प्रशासन के निर्देश पर निगम के सहयोग से ऐसी अस्थियों के विसर्जन किया जा रहा है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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