Uttrakhand Tourism : देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड घूमने के लिए हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं। प्राचीन काल से ही ये जगह ऋषियों और संतों के साथ देवताओं की भूमि के नाम से प्रसिद्ध है। यहां कई सारे पर्यटक स्थल मौजूद है। जहां घूमने के लिए लोग आना पसंद करते हैं।
धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का समायोजन इस जगह पर देखने को मिलता है। आज भी इस जगह से जुड़े कई इतिहास है जो लोगों को हैरान कर देते हैं। जी हां आज हम आपको यहां के एक ऐसे इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे।
Uttrakhand Tourism : कलाप गांव
आपको बता दें, उत्तराखंड में घूमने के लिए वैसे तो कई सारी जगहें मौजूद है। लेकिन एक जगह ऐसी है जो पर्यटकों की नजर से छिपी हुई है। इस जगह का नाम है कलाप गांव। यह देहरादून से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आसपास के इलाकों से यह गांव कटा हुआ है।
यहां आपको पैदल ट्रैकिंग करके जाना पड़ता है। क्योंकि यहां ना तो कोई सड़क है और ना ही कोई आने जाने का साधन। लेकिन यहां के नजारे देखने लायक है। प्राकृतिक की गोद में बसा हुआ यह कलाप गांव के नजारें लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
कौरवों और पांडवों के वंशज
अगर आप भी उत्तराखंड जाने का प्लान बना रहे हैं और अपनी तरफ को रोमांच से भरपूर करना चाहते हैं तो कलाप गांव का दीदार जरूर करें। यह जगह खास चर्चा में बनी रहती है। दरअसल, कहा जाता है कि कलाप गांव में आज भी कौरवों और पांडवों के वंशज रहते हैं।
अब आप यह सुनकर हैरान रह गए होंगे, लेकिन यह बात सच है। यहां रहने वाले ग्रामीण अपने आपको पांडव और कौरवों के वंशज मानते हैं। इतना ही नहीं यहां आने वाले पर्यटक ग्रामीणों से महाभारत काल से जुड़ी कई कहानियां और इतिहास के बारे में जानना भी पसंद करते हैं।
यह जगह शांति और सुकून के लिए जानी जाती है। अगर आप अपने जीवन के कुछ पलों को शांति और सुकून से बिताना चाहते हैं तो इस जगह का दीदार जरूर करें।
मंत्रमुग्ध कर देते हैं नजारें
यह जगह आपका दिल जीत लेगी। यहां आस-पास ना आपको गाड़ी मिलेगी ना ही शहर की हलचल सुनाई देगी। ऐसे में आप शांत वातावरण में खूबसूरत पलों को प्राकृतिक की गोद में बसे इस गांव में बिता सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक, गढ़वाला के घाटी में स्थित इस गांव में आपको देवदार के लंबे और घने पेड़ों को देखने का मौका मिलता है। यहां पर पक्षियों की चहचहाहट लोगों के मन में शांति पहुंचते है। यहां आस-पास बनी पहाड़ियां भी बेहद खूबसूरत है। ताजी हवाओं के बीच आप खुद को तरोताजा महसूस कर सकते हैं।
आपको बता दें, इस गांव में एक मंदिर है जो करण को समर्पित है यह गांव का सबसे प्रसिद्ध और खास मंदिर है। इस मंदिर में हर साल पांडव नृत्य का आयोजन भी किया जाता है। जिसमें काफी ज्यादा लोग शामिल होते हैं।
दिल्ली से इतनी दूर है गांव
एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह गांव बेस्ट माना जाता है। यहां आप कैंपिंग, ट्रैकिंग, नेचर वॉक, वर्ड वाचिंग जैसी कई एक्टिविटीज का लुफ्त उठा सकते हैं। यहां रूपिन नदी भी है जिससे करीब 7800 फीट की ऊंचाई पर यह गांव बसा हुआ है। ग्रामीण लोग यहां खेती-बाड़ी करते हैं।
इस वजह से यहां पर हरियाली भी काफी ज्यादा है। यहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा भी देखने लायक है। दूर-दूर से पर्यटक कल आप गांव की सैर कर सनसेट देखने के लिए आते हैं। आपको बता दें दिल्ली से करीब 450 किलोमीटर की दूरी पर यह गांव स्थित है। आप यहां आसानी से आ सकते हैं।