Old Pension Scheme 2023 : आगामी चुनावों से पहले देशभर में पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा चर्चाओं में बना हुआ है। एक तरफ कांग्रेस समेत विपक्ष के नेता इसके फायदे गिना रहे है तो वही दूसरी तरफ सत्ता पक्ष बीजेपी इसे भविष्य के लिए खतरा बता रही है। वही अबतक छत्तीसगढ़ राजस्थान, हिमाचल प्रदेश पंजाब और झारखंड में ओपीएस को लागू किया जा चुका है और अब कांग्रेस ने ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश और त्रिपुरा में सरकार बनते ही इसे लागू किया जाएगा, जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो चली है।
सीपीआईएम-कांग्रेस का बड़ा ऐलान
सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने कहा है कि त्रिपुरा में अगर लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली तो राज्य में फिर से पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। सत्ता में आने के बाद भाजपा ने ही 2018 में त्रिपुरा में नई पेंशन योजना लागू की थी, लेकिन राज्य में लेफ्ट-कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सबसे पहला फैसला पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का ही लिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस चुनाव जीती और वहां पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई, जैसा कि वादा किया गया था। वही चीज यहां भी लागू की जाएगी, जब लेफ्ट कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनेगी। बता दें कि त्रिपुरा में सरकारी कर्मचारियों की संख्या करीब 1.88 लाख है। माना जा रहा है कि इन्हें लुभाने के लिए ही लेफ्ट कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना का दांव चला है।
घोषणा पत्र में भी OPS का वादा
खास बता ये है कि बीते हफ्ते जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में भी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा किया गया है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता एवं एकमात्र विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने कहा था कि त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में अगर कांग्रेस की जीत होती है तो कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता साल में दो बार बढ़ाया जाएगा।
फरवरी में चुनाव, मार्च में परिणाम
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 16 फरवरी को होगा, जबकि वोटों की गिनती दो मार्च को जाएगी। त्रिपुरा में कांग्रेस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, पार्टी ने 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक त्रिपुरा की खैरपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
ओल्ड पेंशन स्कीम के फायदे
- OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है।
- हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है, पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
- ओपीएस में पेंशन लेने वाले शख्स के 80 साल का होने पर मूल पेंशन में 20 फीसदी की वृद्धि होती है, इस तरह से पेंशनधारक के 85 की उम्र में 30 फीसदी, 90 की उम्र में 40 फीसदी, 95 की उम्र में 50 फीसदी और 100 की उम्र होने पर 100 फीसदी बढ़ता है।
- पेंशनधारक की उम्र 100 तक पहुंचने पर पेंशन की रकम दोगुनी हो जाती है।OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है।
- OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।
- पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।