कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, मानदेय में वृद्धि, आदेश जारी, खाते में आएंगे इतने रूपए, मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
Published on -
कर्मचारियों

Employees Honorarium, Employees Honorarium Hike : कर्मचारियों के लिए मानदेय में वृद्धि की गई है। इसके लिए मानदेय बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है। शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। वही उनके वेतन बढ़कर 50000 रुपए हो गए हैं। इसके लिए जनवरी में मानदेय में वृद्धि को मंजूरी दी गई थी।

मानदेय की वृद्धि

पीयू सिंडिकेट अतिथि शिक्षकों के मानदेय की वृद्धि के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के 2019 के दिशा निर्देश को अपनाने को मंजूरी दी गई थी। इसके साथ ही यूजीसी द्वारा पत्र जारी किया गया था। वहीं पत्र के मुताबिक अतिथि संकाय के लिए मानदेय 1000 से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति व्याख्यान किया गया है। वहीं इसकी मासिक सीमा 25000 रूपए से बढ़ाकर 50000 रूपए किया गया है।

कर्मचारियों को 1000 रुपए प्रति महीने के भत्ते की मंजूरी

इस निर्णय को तत्कालीन कुलपति द्वारा 19 दिसंबर को मंजूरी दी गई थी। वही 1 जनवरी से विश्वविद्यालय के शारीरिक रूप से अक्षम कर्मचारियों को 1000 रुपए प्रति महीने के भत्ते की मंजूरी प्रदान की गई थी। बोर्ड ने कानून विभाग, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, पंजाब यूनिवर्सिटी के अंशकालिक सहायक प्रोफेसरों (कानून के विषयों में) के निश्चित पारिश्रमिक को बढ़ाने के लिए कुलपति की सिफारिशों को भी मंजूरी दे दी,इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2023-24 से प्रभावी सप्ताह में 12 घंटे के कार्यभार के लिए लुधियाना में क्षेत्रीय केंद्र 22,800 रुपए से 43,275 रुपए तय किये गए हैं।

यूजीसी नियमों के अनुसार 1 जनवरी 2006 से पहले भर्ती किए जा प्रोफ़ेसर का वेतन खंड के अनुसार 37400 से 67000 रुपए (शैक्षणिक ग्रेड वेतन ₹10000) वेतन बैंड 4 में 43000 रुपए से कम नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही कुलपति के चयन स्क्रीनिंग सहित मूल्यांकन के लिए मानदेय की दर 2500 से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रतिदिन की गई है।

इससे पहले फरवरी में विश्वविद्यालय के शिक्षकों को संशोधित यूजीसी वेतनमान के अनुसार जनवरी के वेतन का भुगतान फरवरी में किया गया था। पिछले दिसंबर में सिंडिकेट द्वारा संशोधित यूजीसी स्केल के कार्यान्वयन के लिए पंजाब सरकार की अधिसूचना को अपनाया गया था। अक्टूबर में यूजीसी के नए जमाने को लागू करने की मंजूरी दी गई थी। जिसके लिए संशोधन जनवरी में लागू किया गया था।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News