दरअसल, हरियाणा,उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, झारखंड समेत कई राज्यों में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन दोबारा लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारी लामबंद होने लगे है।हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र से पहले एनपीएस संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 24 जुलाई को शिमला में बड़े स्तर पर संकल्प रैली निकालने का ऐलान किया है। इस दौरान प्रदेश सरकार पर ओपीएस को बहाल करने का दबाव बनाया जाएगा।
इससे पहले ऊना और छोटी काशी मंडी में न्यू पेंशन स्कीम एसोसिएशन (NPSA ) ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पेंशन संकल्प रैली निकाली थी और कर्मचारियों को न्याय देने को लेकर जमकर नारेबाजी की। साथ ही संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार ने पुरानी पेंशन लागू नहीं की तो कर्मचारी मानसून सत्र में परिवार के साथ शिमला में मोर्चा डालेंगे। सरकार पुरानी पेंशन काे बहाल करती है तो आने वाले चुनावों में समर्थन किया जाएगा। अगर नहीं किया तो चुनावों में विरोध का सामना करने के लिए सरकार तैयार रहे। इसका खामियाजा सरकार को चुनावों में भुगतना पड़ेगा, भाजपा को रिपीट नही होने देंगे।
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बता दे कि 2002 तक देश व प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले हर एक कर्मचारी को पेंशन मिलती थी, लेकिन 2002 के बाद ओपीएस को बंद कर दिया गया। इसके बाद भर्ती कोई भी कर्मचारी पेंशन के लिए पात्र नहीं है।इधर हिमाचल में विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राज्य में कांग्रेस सरकार बनने पर ओपीएस बहाली का कर्मचारियों को भरोसा दिया है। यही नहीं कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो कमेटी में भी स्पष्ट कर चुकी है कि ओपीएस बहाली उनके चुनावी घोषणा पत्र की पहली मांग होगी।