रांची, डेस्क रिपोर्ट। झारखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है, इसके तहत कर्मचारियों की पदोन्नति पर डेढ़ साल से लगी रोक हटा दी गई है। इस फैसले के बाद अब राज्य के कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो जायेगी और वेतन वृद्धि के साथ साथ पेंशन में भी लाभ मिलेगा।कार्मिक विभाग ने आदेश की प्रति सभी विभागों को भेज दी है ताकि कर्मचारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जा सके।
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राज्य सरकार ने 24 दिसंबर 2020 से लगी सरकारी कर्मियों के प्रमोशन पर रोक को हटा दी है। राज्य सरकार के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने कुछ शर्तो के साथ प्रमोशन पर लगी रोक को हटाते हुए इसका आदेश प्रधान कार्मिक सचिव वंदना दादेल ने 3 जून, 2022 को जारी कर दिया है। इसकी जानकारी सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त को दी है। पत्र के आलोक में आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
इस आदेश के आते ही अब 60 हजार से अधिक पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। जल्द ही प्रमोशन को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। बता दे कि पदोन्नति में आरक्षण को लेकर एससी और एसटी वर्ग की अनदेखी के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पर रोक लगा दी गई थी।
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इतना ही नहीं यह मामला झारखंड विधानसभा में उठा था, तब विधानसभा की ओर से एक विशेष समिति का गठन किया गया था, इस कमिटी ने प्रमोशन से संबंधित मामले की जांच की थी और फिर राज्य सरकार द्वारा विभागीय पत्र 24.12.2020 जारी करते हुए कर्मचारियों के प्रमोशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए पदोन्नति की प्रक्रिया स्थगित कर दी थी।यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था, जहां से राहत मिलने के बाद सरकार ने आदेश जारी कर दिया है।
आदेश में कहा गया है कि
- पदोन्नति पर जारी रोक के कारण झारखंड उच्च न्यायालय में कतिपय वाद/अवमाननावाद दायर हुए। इस क्रम में 13 जनवरी, 2022 को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति पर जारी रोक संबंधी परिपत्र को निरस्त किया जा चुका है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रोन्नति पर जारी स्थगन संबंधी आदेश को निम्न स्पष्टीकरण के साथ आहरित किया जाता है।
- न्यायालय के निर्णय और केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए लिखा है कि वरीयता-सह-पात्रता के प्रावधान के अंतर्गत प्रोन्नति प्रदान करने अथवा विचार करते समय, मूल कोटि की वरीयता सूची में वरीयता क्रम में सामान्य वर्ग से उपर रहने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सरकारी सेवकों को अनारक्षित रोस्टर बिन्दु पर प्रोन्नति अनुमान्य होगी।
- इस क्रम में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के वरीय सरकारी सेवकों को अनारक्षित बिन्दु पर पदोन्नत करते समय यह देखा जाना आवश्यक नहीं है कि उनकी नियुक्ति मेघा के आधार पर हुई अथवा आरक्षण के आधार पर। उपरोक्त के अनुसार प्रोन्नति की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।