बहराइच
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फूले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।बताया जा रहा है कि फुले कई मुद्दों को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहीं थीं। फुले ने इस्तीफा देने के साथ ही बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि भाजपा दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी है और आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कार्यकाल पूरा होने तक सांसद रहेंगी। सिर्फ पार्टी से इस्तीफा दिया है, सासंद पद से नही।
फुले का कहना है कि बीजेपी में दलित सांसद होने के कारण मेरी बातों को अनसुना किया गया, इसलिए आहत होकर मैं इस्तीफा दे रही हूं। फूले ने बीजेपी पर देश के संविधान को बदलने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि न तो संविधान लागू किया जा रहा है और न ही आरक्षण। केंद्र सरकार ने मेरी मांगों को ठुकराया है। क्योंकि सरकार दलित विरोधी है।
वही फूले ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है। पुन: विहिप, भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा अयोध्या में 1992 जैसी स्थिति पैदा कर समाज में विभाजन एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है, इसलिए आहत होकर मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। फुले ने कहा कि भाजपा समाज में विभाजन पैदा करने का प्रयास कर रही है।
बता दे कि बहराइच से सांसद चुनी गईं सावित्री बाई फुले ने 2012 में बीजेपी के टिकट पर बलहा (सुरक्षित) सीट से चुनाव जीता था और 2014 में उन्हें सांसद का टिकट मिला और वह संसद पहुंचीं थी। वह बीजेपी की दलित महिला चेहरा थीं। छह साल की उम्र में उनकी शादी कर दी गई थी लेकिन उनकी विदाई नहीं हुई। इसके बाद बड़े होने पर उन्होंने संन्यास ले लिया था।फुले की पहचान उत्तर प्रदेश में बीजेपी के एक बड़े दलित चेहरे के तौर पर रही है, हालांकि वह केंद्र और यूपी सरकार पर अक्सर निशाना साधती रही हैं और आज इस्तीफा देने के बाद भी उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाए।