जयपुर, डेस्क रिपोर्ट
शुक्रवार से राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरु होना है, वहीं बीते कुछ महीने से देश की सुर्खियां बटोर रहे राजस्थान में सियासी हल चल तेज हो गई है। जयपुर में गुरुवार को भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित की गई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने कल ही सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत के सामने बहुमत साबित करने की चुनौती खड़ी हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया ने किया है।
भाजपा नेता कटारिया ने कहा कि कांग्रेस अपने घर में टांका लगाकर कपड़े सिलने का काम कर रही है, परंतु कपड़ा फट चुका है, ये सरकार जल्द ही गिरने वाली है। आगे नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार भी अपनी तरफ से विश्वास पत्र लेकर आ सकती है, पर हम कल अविश्वास पत्र लेकर आ रहे है। कोरोना महामारी का बहाना देकर सदन स्थगित कर दिया गया था और जब अब केस 56 हजार पहुंच चुके है फिस भी सदन चलाया जा रहा है। आगे कटारिया ने कहा कि विधायकों से बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर साइन करा लिए गए है। विधायक दल की बैठक में 71 विधायक शामिल थे, जिसमें भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी आरएलपी के 3 विधायक इसमें शामिल थे।
वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि गहलोत सरकार अंदरुनी संकट से जूझ रही है। जिस प्रकार गहलोत बनाम पायलच खत्म हुआ है, उसे देख लगता है कि सरकार सदन में विश्वास प्रस्ताव ला सकती है, हम किसी भी हालात के लिए तैयार है, अगर ऐसा होता है तो भी भारतीय जनता पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी। बता दें कि राजस्थान विधानसभी की कुल सीटें 200 है, जिसमें से 107 सीट कांग्रेस के खेमे में है। वहीं कांग्रेस को निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। वहीं बीजेपी की बात की जाए तो पार्टी के पास 76 सीटें है।
There are a lot of differences in the government. The way they have struggled, there are chances that they might bring a vote of confidence in the Assembly but we are also ready to bring a no-confidence motion: Satish Punia, BJP Rajasthan President pic.twitter.com/JsRyIxN3OL
— ANI (@ANI) August 13, 2020