CBSE ने हटाए सिलेबस से मशहूर उर्दू कवि फैज़ के नज़्म, जाने कारण और बदलाव

Manisha Kumari Pandey
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। CBSE ने अपने सिलेबस में कई बदलाव किए हैं। गुरुवार को सीबीएसई ने अपडेट सिलेबस को जारी किया, जिसमें मशहूर शायर फैज की दो नज्मों के मुग़ल कोर्ट जैसे पुराने चैप्टर को सिलेबस से आउट कर दिया गया है। काफी लंबे समय से दसवीं के सिलेबस में फ़ैज़ के यह शेर पढ़ाए जाते थे, लेकिन अब इसे पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया गया है। हालांकि की ऐसा पहली बार नहीं हुआ है की एसबीएसई में लंबे समय से पढ़ाए गए चैप्टर को हटाया हो। लेकिन इसे लेकर काफी विवाद छिड़ चुका है।

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सूत्रों की माने तो इस मामले में अधिकारियों ने कहना है कि यह बदलाव पाठ्यक्रम के युक्तिकरण (Rationalisation) का हिस्सा हैं और हैं नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की सिफारिशों के बाद ही किया गया है। बात फ़ैज़ अहमद फ़ैलिन के उर्दू के कविताओं की करें तो यह अनुवादित अंश ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति – सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य’ के पार्ट में आता है, जो इस साल आउट हो चुका है।

इतना ही नहीं सीबीएसई ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (Non-Aligned Movement), शीत युद्ध के युग (cold war era), अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्यों के उदय (Rise of Islamic Empires in Afro-Asian Regions), मुगल दरबारों के इतिहास को भी हटा दिया है। 11वीं कक्षा के इतिहास और राजनीति विज्ञान के सिलेबस से औद्योगिक क्रांति (Industrialisation revolution) के चैप्टर भी अब आउट हो चुके हैं। इसके अलावा कक्षा 10 के सिलेबस से ‘खाद्य सुरक्षा’ पर एक अध्याय से “कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव” विषय को हटा दिया गया है।


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