भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक, दीपावली को वैश्विक स्तर पर एक बड़ी पहचान मिली है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने दीपावली को अपनी ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ (Intangible Cultural Heritage) की प्रतिष्ठित सूची में शामिल कर लिया है। इस घोषणा के बाद देश भर में खुशी की लहर है और विभिन्न नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
यूनेस्को ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस नई उपलब्धि की जानकारी साझा की। संस्था ने दीपावली को प्रकाश का त्योहार बताते हुए लिखा कि यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यूनेस्को ने इसे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का एक अहम हिस्सा माना है।
सीएम योगी ने बताया अयोध्या के लिए विशेष क्षण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि दीपावली का यूनेस्को की सूची में शामिल होना एक गर्व का विषय है। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और अयोध्या के संदर्भ में इसकी महत्ता को रेखांकित किया।
“यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में दीपावली का शामिल होना उस त्योहार की गौरवपूर्ण मान्यता है जो अंधकार पर प्रकाश और नई शुरुआत का जश्न मनाता है। उत्तर प्रदेश के लिए यह सम्मान विशेष रूप से सार्थक है। प्रभु श्री राम की पवित्र भूमि अयोध्या वह स्थान है जहां सबसे पहले दीपावली मनाई गई थी।” — योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वैश्विक स्वीकृति का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत के बढ़ते सांस्कृतिक कद को दर्शाता है। उन्होंने कामना की कि अयोध्या का शाश्वत प्रकाश मानवता को सत्य और सद्भाव की ओर ले जाता रहे।
सांस्कृतिक महत्व और परंपरा
यूनेस्को ने अपने विवरण में बताया कि दीपावली, जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, भारत में विविध व्यक्तियों और समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला प्रकाश का त्योहार है। यह वर्ष की अंतिम फसल और एक नए साल व नए मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। चंद्र कैलेंडर के आधार पर, यह अक्टूबर या नवंबर में अमावस्या पर आता है और कई दिनों तक चलता है।
इस दौरान लोग अपने घरों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई और सजावट करते हैं, दीये और मोमबत्तियां जलाते हैं और समृद्धि व नई शुरुआत के लिए प्रार्थना करते हैं। अब इस त्योहार को वैश्विक धरोहर का दर्जा मिलने से भारतीय संस्कृति का मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बढ़ा है।
The inscription of Deepavali on UNESCO’s Intangible Cultural Heritage List is a proud recognition of a festival that celebrates light over darkness and new beginnings.
For Uttar Pradesh, this honour is especially meaningful. Ayodhya, the sacred land of Prabhu Shri Ram, is where… https://t.co/8FVpvH5o8i
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 10, 2025





