EPFO Pension Update: निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। बजट सत्र के दौरान फरवरी 2023 में कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात मिल सकती है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कर्मचारी पेंशन योजना में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कुछ बदलाव कर सकता है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए EPFO को पेंशन बढ़ाने के सुझाव मिले हैं, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि केन्द्र सरकार एम्पलॉइ प्रोविडेंट फंड में योगदान देने वाले कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन देने पर विचार कर सकती है।
फरवरी में अहम बैठक
दरअसल, ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी और अब कयास लगाए जा रहे है कि फरवरी में होने वाली अगली बैठक में भी इस एजेंडे पर फिर विचार किया जा सकता है। इसके तहत श्रम मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) को ज्यादा बेहतर बनाने और उच्च मासिक पेंशन के लिए धन जुटाने पर संभावित रूप से संसाधनों को बढ़ाने के लिए इसमें बदलाव कर सकती है। वर्तमान में ईपीएस के पेंशनरों को 1,000 रुपये की न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन मिलती है और बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसे बढ़ाने के सुझाव दिए गए हैं।
ऐसे समझें पूरा गणित
वही उच्च पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले ने पेंशन पर ईपीएफओ के संभावित व्यय को बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 10 वर्ष की पेंशन योग्य सेवा के साथ 1,000 की न्यूनतम मासिक पेंशन अर्जित करने के लिए, एक सदस्य को लगातार 10 साल तक कम से कम `711 प्रति माह का योगदान देना चाहिए। वही 2021-22 में स्कीम में योगदान करने वाले 61.2 मिलियन सदस्यों में से, 34.7 मिलियन सदस्यों ने पेंशन के लिए प्रति माह `700 से कम का योगदान दिया। योजना के प्रावधानों के अनुसार वर्तमान वैधानिक वेतन सीमा `15,000 प्रति माह है, जिसमें एक सदस्य द्वारा `1,250 का मासिक योगदान होगा, हालांकि योजना के तहत पेंशनरों और वितरित पेंशन की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
अबतक का रिकॉर्ड
बता दे कि 31 मार्च 2022 तक, ईपीएस में ₹6.89 ट्रिलियन के फंड के साथ लगभग 7.3 मिलियन पेंशनभोगी थे, जो 2016-17 के बाद से लगभग 86.41% की वृद्धि हुई है, इसने 2021-22 में पेंशन और निकासी लाभ के रूप में `20,922 करोड़ और 2020-21 में `20,378 करोड़ का वितरण किया था। ईपीएफओ वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए पेंशन योजना के मूल्यांकन के लिए एक्चुअरी नियुक्त करने की प्रक्रिया में है, ऐसे में फरवरी में होने वाली अगली बैठक में भी इस एजेंडे पर विचार किया जा सकता है।