कर्मचारियों-शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जल्द मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ, तैयारी शुरू, मांगा गया ब्योरा

Pooja Khodani
Published on -
pensioners pension

UP Teacher Old Pension scheme : उत्तर प्रदेश के शिक्षकों-कर्मियों के लिए खुशखबरी है। लेखपालों के बाद अब जल्द कर्मियों-शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी विभागों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और उप शिक्षा निदेशकों से 1 अप्रैल, 2005 या उसके बाद नियुक्त हुए कार्मिकों का ब्योरा मांगा गया है।

ब्योरा मांगा, जल्द मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ

जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षक व कर्मचारी जिनकी भर्ती का विज्ञापन एक अप्रैल वर्ष 2005 से पहले निकला था, उन्हें जल्द पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा, इसके लिए विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर 16 नवंबर तक इसका ब्योरा मांगा था । इसके तहत शिक्षक व कर्मचारियों का नाम, उनकी संस्था का नाम, विज्ञापन की तारीख, कार्यभार ग्रहण करने की तारीख और प्रथम वेतन भुगतान की तिथि इत्यादि की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।

ये कर्मी-शिक्षक होंगे पात्र

इसके तहत ऐसे शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल वर्ष 2005 के बाद हुई हो लेकिन उनकी भर्ती का विज्ञापन इससे पहले जारी हो गया हो तो वह इसके पात्र होंगे।बता दे कि राज्य सरकार ने एक अप्रैल 2005 के बाद पुरानी पेंशन की सुविधा खत्म करके नई पेंशन की व्यवस्था लागू कर दी गई थी,इसके बाद से ही कर्मचारी व शिक्षक लगातार विरोध कर रहे थे, मामला हाई कोर्ट सुप्रीम तक पहुंच गया है, जिसके बाद अब शिक्षक व कर्मचारी जिनकी भर्ती का विज्ञापन एक अप्रैल वर्ष 2005 से पहले निकला था, उन्हें पुरानी पेंशन देने की तैयारी है।

बीते दिनों HC ने दिए थे लेखपालों को OPS का लाभ देने के आदेश

गौरतलब है कि हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अप्रैल 2005 के पहले चयनित लेखपालों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिए थे। हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए याचियों को पुरानी पेंशन का हकदार मानते हुए राज्य सरकार को पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान करने का आदेश दिया है।कोर्ट ने 1999 से 2000 की भर्ती में वर्ष 2003-2004 में चयनित लेखपालों को लेकर यह आदेश दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की एकल खंडपीठ ने सुनाया था।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News