पति और मां के शव के साथ महिला ने खुद को किया घर में बंद, वजह जानकर भीग जाएंगी आंखें

mp news

Woman kept dead bodies of husband and mother at home : तमिलनाडु (Tamil Nadu) के इरोड शहर से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने अपने पति और मां के शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय उन्हें घर में ही रहने दिया। कई दिनों तक घर में शव रखे रहे लेकिन जब उनमें से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस के आने पर मामले का खुलासा हुआ और जो वजह सामने आई उसे सुनकर किसी की भी आंखें भीग जाएगी

गोबीचेट्टीपालयम इलाके में कुछ दिन पहले बीमारी के कारण 73 साल के मोहनसुंदरम की मौत हो गई। वो और उनकी पत्नी शांति यहां अपने मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटे (35) के साथ रहते थे। शांति के पति की मौत करीब 15 दिन पहले हुई लेकिन उनके पास अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे। इस कारण वो अपने पति के शव को घर में ही रखे रही। करीब पांच दिन पहले शांति की 80 साल की मां कनकंबल की भी मौत हो गई और लाचार शांति ने उनका शव भी पत के साथ ही रख दिया। उसके पास दोनों के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे और इसी कारण उसने ये कदम उठाया।

कई दिनों तक घर में शव रहने के कारण वो सड़ने लगे और जब पड़ोसियों को दुर्गंध आई तो उन्होने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आकर तलाशी ली तो उन्हें क्षत विक्षत हालत में दोनो शव मिले। उनके घर में मोहनसुंदरम ही कमाने वाले इकलौते व्यक्ति थे और करीब चार महीने पहले वो बीमार पड़ गए थे। इस कारण उनका काम छूट गया और आय का जरिया खत्म हो गया। अपनी गरीबी और बदहाली के कारण शांति लोगों से दूर रहती थी और किसी से ज्यादा बात भी नहीं करती थी। मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने दोनों शवों का अंतिम संस्कार कराया। लेकिन ये घटना काफी द्रवित करने वाली है। घर में दो दो शव होने के बावजूद शांति ने किसी से मदद नहीं मांगी, न ही किसी को कुछ बताया। इस बात से उनके आस पड़ोस के लोग भी हैरान है। मामले में पुलिस का कहना है कि दोनों मौत प्राकृतिक थी और किसी तरह की संदेहजनक बात नहीं पाई गई है।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News