Independence Day 2023 : 15 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजों की चुंगल से आजाद होकर स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन था। जिसके तहत हर साल इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीयों के लिए गर्व और उत्साह की बात है। इस दिन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर, स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और महान नेताओं के संघर्ष का सम्मान करते हुए मनाया जाता है। इस दिन लोग स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों और अन्य स्थानों पर झंडा फहराते हैं। साथ ही, राष्ट्रगान गाया जाता है। वहीं, लड्डू बांटकर इस दिन धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल भारत 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। तो चलिए आज हम आपको ये बताते हैं कि आखिर 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है।
15 अगस्त को ही क्यों मनाते हैं स्वतंत्रता दिवस?
ब्रिटिश शासन के अनुसार, भारत को मूल रूप से 30 जून 1948 को आजादी देने की योजना थी लेकिन उस समय नेहरू और जिन्ना के बीच हुए विभाजन के मुद्दे की वजह से यह बदलाव का समय बन गया। 15 अगस्त 1947 को ही भारत को आजादी देने का निर्णय लिया गया और उस दिन ब्रिटिश शासन समाप्त हुआ। बता दें कि 4 जुलाई 1947 को वाइसराय माउंटबेटन ने ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय स्वतंत्रता बिल पेश किया था, जिसे ब्रिटिश संसद ने तुरंत मंजूरी दी। इसके बाद, 15 अगस्त 1947 को ही भारत को आजादी की घोषणा कर दी गई और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगे के झंडे का उद्घाटन किया। हालांकि, 18 जुलाई 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली थी।
जानिए कुछ रोचक तथ्य
- भारतीय झंडा पहली बार 1906 में कोलकाता के पारसी बगान स्वैर में फहराया गया था। इस पर धार्मिक चिन्ह थे और उसमें 8 गुलाब थे, जिन पर “वंदे मातरम्” लिखा गया था।
- 2002 से पहले भारत में आम लोगों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अलावा राष्ट्रीय झंडा फहराने की अनुमति नहीं थी। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में फ्लैग कोड में बदलाव किया और जनता को झंडा फहराने की इजाजत दी।
- जानकारी के अनुसार, भारतीय झंडा खादी से ही बनाया जाना चाहिए। किसी अन्य कपड़े का झंडा फहराने पर भारतीय अधिनियमों के तहत जुर्माना लग सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)