Crude Oil Payment in Rupee: भारत का रुपया अब ग्लोबल करेंसी बनने की राह पर है। पहली बार सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से क्रूड ऑयल खरीदने के लिए रुपये में भुगतान किया है। इसी के साथ भारत सरकार अब 18 देशों से डॉलर नहीं बल्कि रुपये में कारोबार कर रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार पिछले साल ही रुपये से कच्चा तेल खरीदने की पहल कर चुकी है। इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी कई अहम कदम उठायें थे।
जुलाई में यूएई के साथ हुआ था समझौता
भारत में कच्चे तेल की ज्यादातर जरूरतें (करीब 85%) आयात से पूरा होता है। जिसके लिए अब तक डॉलर में भुगतान हो रहा था। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए रुपये के जरिए क्रूड ऑयल खरीदने की पहल वर्ष 2022 में हुई थी। इस साल जुलाई में यूएई के साथ इस संबंध में एक समझौते पर साइन भी किया गया था। अब जाकर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी से 10 लाख बैरल क्रूड ऑयल खरीदने के लिए रुपये में भुगतान किया है।
इन देशों से भारत करता है रुपये में कारोबार
यूएई से पहले भारत रूस से कच्चे तेल के लिए रुपये में भुगतान कर चुका है। इसके अलावा भारत अन्य देशों के साथ भी रुपये से क्रूड ऑयल खरीदने की योजना बना रहा है। बता दें कि भारत जर्मनी, यूके, श्रीलंका, केन्या, इजराइल, मलेशिया, न्यूजीलैंड, ओमान और अन्य देशों के साथ भी रुपये में कारोबार कर रहा है।
इस कदम से क्या होगा फायदा?
रिपोर्ट के मुताबिक रुपये के ग्लोबल बनने से डॉलर की मांग में कमी आएगी। इससे जीडीपी पर वैश्विक झटकों का प्रभाव कम पड़ेगा। हालांकि यूएई को इस बात की चिंता है कि उन्हें करेंसी को बदलने में समस्या हो सकती है। साथ ही करेंसी के विनियमन दर में उतार-चढ़ाव से लेनदेन की लागत भी बढ़ सकता है।