दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। पत्थरबाज़ों के खिलाफ़ अब केंद्र सरकार और कड़ा रुख अपनाया है, केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों को एक और सबक सिखाते हुए नकेल कसने के लिए नई रणनीति बनाई है। अब कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले, पत्थरबाजी में शामिल और प्रदेश की सुरक्षा से जुड़े अन्य मामलों में आरोपियों को पासपोर्ट के लिए जरूरी सुरक्षा मंजूरी नहीं दी जाएगी।
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार, क्रिमिनल इनवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट, स्पेशल ब्रांच कश्मीर की ओर से जारी इस सर्कुलर में साफ कर दिया है, कि पासपोर्ट, अन्य सेवाओं या सरकार की किसी योजना या सेवा से जुड़े वेरिफिकेशन के मामले में यह नया दिशानिर्देश लागू होगा। जो कश्मीर में पत्थरबाजों के लिए यह एक कड़ा संदेश है।
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नए सर्कुलर के पालन के लिए के लिए कानून-व्यवस्था के उल्लंघन, पत्थरबाजी के मामले या जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा से जुड़े अन्य मामलों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और स्थानीय पुलिस स्टेशन से इसको लेकर समन्वय किया जाएगा। सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफ, वीडियो और ऑडियो क्लिप जैसे इलेक्ट्रानिक साक्ष्य, जो पुलिस, सुरक्षा बलों और एजेंसियों के पास हैं, उनका भी संज्ञान लिया जाएगा। अगर कोई भी व्यक्ति इन मामलों में लिप्त है तो उसे सुरक्षा संबंधी मंजूरी नहीं दी जाएगी। किसी भी सरकारी विभाग में नौकरी से पहले सुरक्षा संबंधी क्लियरेंज जरुरी होता है। साथ ही पासपोर्ट बनवाने के लिए स्थानीय थाने से सुरक्षा संबंधी मंजूरी लेनी पड़ती है, तो इस सर्कुलर के बाद अब पत्थरबाज़ों के लिए यह राह आसान नहीं होगी।