लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, पुरानी पेंशन योजना पर ताजा अपडेट, जल्द मिलेगा लाभ, पढ़े CM का पूरा बयान

Pooja Khodani
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OLD PENSION SCHEME 2022-23 : हिमाचल प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और झारखंड के बाद अब जल्द राज्य के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम की सौगात मिलने वाली है। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने दावा किया है कि 1 महीने में राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू हो जाएगी।

मीडिया संस्थानों से चर्चा करते हुए हिमाचल प्रदेश के नए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किए गए 10 वादों को हम पूरा करेंगे। पार्टी ने चुनाव से पहले जो भी वादे किए हैं, वो सब पूरे किए जाएंगे, राज्य के पास उन कामों करने के लिए पर्याप्त कोष है, जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा और वादों को पूरा करने पर फोकस रहेगा।

न्यूज 24 से चर्चा करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि  अगले महीने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो जाएगी। इसके लिए नई सरकार ने काम करना भी शुरू कर दिया है। ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने में कोई परेशानी नहीं होगी। कांग्रेस का वादा छलावा नहीं है, जो कहा है उससे भी ज्यादा करके दिखाएंगे।

सभी वादों को पूरा करेंगे

इससे पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया था कि पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाएगा। हमने 10 गारंटी दी है और हम उनको लागू करेंगे। हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार चलाएंगे। पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (Old Pension Scheme 2022) को बहाल किया जाएगा।

2004 से बंद है पुरानी पेंशन योजना

खास बात ये है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद हिमाचल प्रदेश तीसरा कांग्रेस शासित प्रदेश होगा जहां OPS लागू होगी। इसे लागू करने के बाद राज्य सरकार के ल‍िए व‍ित्‍तीय प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होगा, चुंकी राज्‍य सरकार के ऊपर पहले से ही करीब 70 हजार करोड़ का कर्ज है। राज्य में 2.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से करीब 1.5 लाख नई पेंशन योजना में आते हैं। 1 अप्रैल 2004 से देश में पुरानी पेंशन स्कीम बंद कर दी गई थी, जिसमें सरकार पेंशन का पूरा पैसा देती है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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