Monkeypox : भारतीय कंपनी ने वायरस का पता लगाने बनाई RT-PCR किट

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना के बाद डराने आई मंकीपॉक्स (Monkeypox) नामक बीमारी का खतरा हालांकि भारत में अभी नहीं है लेकिन अभी से सरकारें अलर्ट मोड में आ गई है। किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए राज्य सरकारें समुचित प्रबंध करने में जुट गई हैं।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी मंकीपॉक्स से जुडी हर गतिविधि पर नजर जमाये है।

इस बीच एक अच्छी खबर है, चिकित्सा उपकरण बनाने वाली चेन्नई की कंपनी ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने मंकीपॉक्स बीमारी के वायरस का पता लगाने के लिए एक RT-PCR किट तैयार की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने शुक्रवार को  कहा कि मंकीपॉक्स RT-PCR किट (Monkeypox RT-PCR Kit) चार रंगों की फ्लोरोसेंस आधारित किट है जो एक ट्यूब सिंगल रिएक्शन में चेचक और मंकीपॉक्स में अंतर पता कर सकती है। कंपनी का कहना है कि यदि टेस्ट किट में वायरस मौजूद है तो लगभग 1 घंटे में उसका पता लगाया जा सकता है।

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आपको बता दें कि शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा कि दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं।  पिछले कुछ दिनों में 20 देशों में 200 मामले सामने आये हैं।  उधर अच्छी बात ये हैं कि भारत में अभी मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन ICMR के अधिकारी पूरी तरह तैयार हैं वहीँ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health Government of India) ने भी मंकीपॉक्स के लक्षणों पर गौर करने की सलाह दी है , कुछ राज्यों ने ऐहतियात बरतते हुए एडवाइजरी भी जारी की है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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