Moon Mission: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के 24 वर्षीय युवा वैज्ञानिक डॉ. मधुर तिवारी ने नासा के चंद्रायन प्रोजेक्ट के लिए ‘नोवा-सी’ नामक लैंडर बनाया है। यह लैंडर ‘ईगलकैम’ नामक एक मिनी सैटेलाइट कैमरा सिस्टम से लैस है। यह लैंडर आर्टेमिस मिशन का हिस्सा होगा। यह चंद्रमा पर उतरेगा और वहां की तस्वीरें और डेटा इकट्ठा करेगा। डॉ. मधुर तिवारी भोपाल आरटीओ संजय तिवारी के बेटे हैं।
इस लैंडर को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39 ए से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था। इसका विकास एम्ब्री-रिडल एयरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी ने किया है। जिसमे ‘ईगलकैम’ नामक एक मिनी सैटेलाइट कैमरा का उपयोग किया गया है। इसे 14 फरवरी 2024 के शुरुआती घंटे में लगभग रात के 1 बजे किया गया। यह लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद वहां की तस्वीरें और डेटा इकट्ठा करेगा। यह डेटा नासा को चंद्रमा की सतह के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा। बताया जा रहा है कि 22 फरवरी यानी आज स्टूडेंट का यह लैंडर चंद्रमा पर उतरने से पहले एंटूएटीव मशींस नोवा सी लूनर लैंडर से अलग हो जाएगा। ‘ईगलकैम’ का टारगेट इस घटना की गतिविधियों की छवियों को कैप्चर करना है।
डॉ. तिवारी भोपाल के रहने वाले हैं। उन्होंने भोपाल के ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के एम्ब्री-रिडल एयरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से एमएस और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने अपने पीएचडी के दौरान ‘ईगलकैम’ पर कार्य किया। चंद्रमा तक पहुंचने के लिए यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट की ओर से यह पहला मिशन था। यह लैंडर डॉ. तिवारी और उनकी टीम के द्वारा डिजाइन किया गया है।
डॉ. मधुर तिवारी ने बताया कि सभी एयरोस्पेस इंजीनियर का एक सपना होता है कि वह किसी बड़े काम में सीधे योगदान दे। उन्होंने कहा कि मुझे कभी-कभी इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता है कि मैं नासा के चंद्र मिशन का हिस्सा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी टीम चंद्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग डिजाइन करने के लिए जिम्मेदार थी।