No Honking Day : मुंबई में हॉर्न बजाने पर पाबंदी, नियम तोड़ने पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई

No Honking Day : जब हम सड़क पर निकलते हैं तो ट्रैफिक के अलावा जो चीज सबसे ज्यादा परेशान करती है, वो है बेवजह का हॉर्न बजाना। अक्सर लोग सड़कों पर बिना कारण हॉर्न बजाते रहते हैं। इससे सिर्फ आसपास के लोग ही डिस्टर्ब नहीं होते बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है। इसी को कम करने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस बुधवार 14 जून को ‘नो हॉन्किंग डे’ मना रही है।

नो हॉन्किंग डे..एक ऐसा दिन जब सड़कों पर वाहनों को हॉर्न बजाने से मनाही हो। मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट करते हुए कहा है ‘इस बुधवार को अपने कानों को थोड़ा आराम देने की कोशिश करें। हमें उम्मीद है कि आप शांति का आनंद लेंगे और इसे बनाने के लिए प्रेरित होंगे।’ इस दिन अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ नियमों का का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई भी हो सकती है। इस नियम को तोड़ने वालों पर  खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

इस दिन को मनाने का उद्देश्य वाहनों के हॉर्न के कारण होने वाले ध्वनि प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। नो हॉन्किंग डे अनावश्यक हॉर्न बजाने को हतोत्साहित करना और ड्राइविंग करते समय उनके द्वारा पैदा किए जाने वाले शोर के प्रति सावधान करना है। बहुत ज्यादा हॉर्न बजाने से न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण होता है बल्कि आसपास वालों को तनाव और झुंझलाहट भी होती है और इससे सड़कों पर सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। नो हॉन्किंग डे के दौरान लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे बिना कारण हॉर्न न बजाएं और थोड़े धैर्य, सहनशीलता और ड्राइविंग को लेकर शिष्टचार का अभ्यास करें। इसके जरिए सड़क पर पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों सहित सभी के लिए एक बेहतर  वातावरण बनाया जा सकता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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