नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले भारत-पाकिस्तान के बंटवारे याद करते हुए 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि इस दिन नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा था। ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी।
देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2021
ये भी देखें- MP College: विधायकों के लिए सुनहरा मौका, ऐसे उठा सकते है उच्च शिक्षा का लाभ
इस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पीएम मोदी की पहल की सरहाना करते हुए ट्वीट किया कि “देश के बँटवारे के समय हमारे असंख्य भाई-बहनों ने असहनीय कष्ट सहे। बँटवारे ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की इस पहल से सम्पूर्ण समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए बल मिलेगा। उन्हें सादर धन्यवाद!”
देश के बँटवारे के समय हमारे असंख्य भाई-बहनों ने असहनीय कष्ट सहे। बँटवारे ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की इस पहल से सम्पूर्ण समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए बल मिलेगा। उन्हें सादर धन्यवाद! #PartitionHorrorsRemembranceDay https://t.co/BQtrrogBBR
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) August 14, 2021
ये भी देखें- Gwalior News: शव को रखकर चक्काजाम, 4-4 लाख मुआवजे की घोषणा, होगी अनुकम्पा नियुक्ति
आपको बता दें कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी बीसवीं सदी के सबसे बड़ी घटनाओं में से एक थी जो सदियों से याद की जा रही है। यह बंटवारे का वो समय था जब दंगों में भारत- पाकिस्तान के लाखों लोग मारे गए थे। पाकिस्तान में हिंदुओं व सिखों के घरों-जमीन ज़ायदादों पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को पाकिस्तान छोड़कर भारत चले जाने की नसीहत दी जाती थी और अपनी जमीन छोड़कर ना जाने वालों को मार दिया जाता था। 14 अगस्त को भारत और पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गए थे। जिससे लोग ट्रेनों, घोड़े-खच्चर और पैदल अपनी मातृभूमि से दूसरे देश जा रहे थे। पाकिस्तान से हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से पाकिस्तान आने वाले लोगों को दंगों का सामना करना पड़ा जिसमें उन्होंने अपने कई परिवार, मां-बाप, भाई-बहन, रिश्तेदारों को गंवाना पड़ा।