Pandit Pradeep Mishra News : प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा-रानी के जन्म और विवाह के संबंध में दिए गए अपने बयान पर माफी मांग ली है। दरअसल, वे शनिवार को बरसाना पहुंचे, जहां उन्होंने राधा रानी मंदिर में दंडवत प्रणाम करते हुए नाक रगड़कर माफी मांगी है। साथ ही सभी से निवेदन किया कि किसी के लिए कोई अपशब्द न कहें। वहीं, मंदिर से बाहर आने के बाद उन्होंने हाथ जोड़कर ब्रजवासियों का अभिनंदन किया।
9 जून का मामला
दरअसल, मामला 9 जून का है, जब ओंकारेश्वर में एक कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा-रानी के जन्म और विवाह के संबंध में विवादित बयान दिया था। जिसके बाद उनकी परेशानी लगातार बढ़ती गई। बता दें कि उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान कहा था कि राधा-रानी का नाम भगवान श्रीकृष्ण की 108 पटरानियों और 1600 रानियों में नहीं हैं। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा था कि राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।
प्रेमानंद महाराज ने दिया था जवाब
उनका यह बयान वायरल होते ही संत समाज और ब्रजधाम के लोगों में खासा आक्रोश भी देखने को मिला। जिसपर संत प्रेमानंद महाराज ने आपत्ती जताते हुए जवाब दिया था कि लाड़ली जी के बारे में तुम्हें पता ही क्या है? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती।
गलती की स्वीकार
उनके इस विवादित बयान पर माफी मांगने को लेकर उन पर दबाव बढ़ता जा रहा था। केवल इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश के 13 अखाड़ों ने उन्हें अल्टीमेटम दिया था कि अगर वे माफी नहीं मांगते, तो उज्जैन में उनकी कथा नहीं होने दी जाएगी। वहीं, मथुरा के संत समुदाय ने भी ऐलान किया था कि अगर एक हफ्ते के भीतर पंडित मिश्रा ने माफी नहीं मांगी, तो वे उनका बहिष्कार करेंगे। जिसके बाद 25 जून को शाम 5 बजे पंडित मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जहां उन्होंने बताया कि वे अपने बयान पर खेद व्यक्त करेंगे और वृंदावन के संतों से माफी मांगेंगे, लेकिन जब पंडित मिश्रा पत्रकारों के सामने आए, तो उन्होंने कहा कि वे सिर्फ कांवड़ यात्रा पर बात करेंगे और किसी अन्य विषय पर कोई बातचीत नहीं करेंगे। पंडितजी के इस रुख ने लोगों को चौंका दिया। फिर इसका मतलब यह निकाला गया कि वे माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।
हालांकि, आज उन्होंने बरसाना पहुंचकर अपनी गलती स्वीकार करते हुए ब्रजवासियों से माफी मांग ली है। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए मैं दंडवत प्रणाम कर माफी मांगता हूं। इसके साथ ही उन्होंने लाडली जी और बरसाना सरकार से भी क्षमा मांगी है। इसके अलावा, उन्होंने सभी महंत, धर्माचार्य और आचार्य से भी माफी मांगी है।