School Holiday : स्कूली छात्रों के लिए राहत भरी खबर, फिर बढ़ी गर्मी की छुट्टियां, अब इतने दिन बंद रहेंगे स्कूल, मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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School Holiday/Summer Vacation : स्कूली छात्रों के लिए राहत भरी खबर है।  भीषण गर्मी को देखते हुए एक बार फिर राजस्थान समेत कई राज्यों ने ग्रीष्मकालीन अवकाश में बदलाव किया गया है। राजस्थान सरकार ने एक बार फिर गर्मी की छुट्टियां को 2 दिन आगे बढ़ा दिया है।अब सभी स्कूलों में 25 जून तक अवकाश रहेगा और 26 जून से स्कूल खुलेंगे। पहले बच्चों की स्कूल की गर्मी की छुट्टियां 23 जून को खत्म होनी थीं। ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ाने के संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक कानाराम ने आदेश जारी कर दिए है।

24 जून से शुरू होगा प्रवेशोत्सव

माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेशानुसार सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव का दूसरा चरण अब 26 जून से शुरू होगा। स्कूलों में प्रवेशोत्सव का पहला चरण 1 मई से शुरू हुआ था। अब प्रवेशोत्सव में भी संशोधन किया गया है। इसका दूसरा चरण 24 जून से शुरू होना था, लेकिन अब 26 मई से शुरू होगा जो 30 जून तक चलेगा, ऐसे में स्कूलों में टीचर अब गली-गली जाकर छात्रों को प्रवेश स्कूल में करवाएंगे।

इन राज्यों में भी बढ़ी गर्मी की छुट्टियां

  1. छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को 25 जून और यूपी की योगी सरकार ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को 26 जून तक बढ़ा दिया है। वही बिहार के पटना डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने भी 12वीं तक की सभी शैक्षणिक गतिविधियों पर 24 जून तक रोक लगा दी है। नए आदेश के अनुसार स्कूल अगले एक सप्ताह तक यानी बंद रहेंगे। आदेश 24 जून तक प्रभावी रहेगा।इसके अलावा मध्यप्रदेश में अब क्लास 1 से 5 तक के बच्चों के स्कूल एक जुलाई से खुलेंगे।
  2. महाराष्ट्र सरकार ने भी छुट्टियों को आगे बढ़ा दिया है, इसके तहत जो स्कूल महानगर पालिका और जिला परिषद द्वारा संचालित किए जाते हैं, वे अब 26 जून की बजाय 30 जून को खोले जाएंगे। 30 जून तक भी यदि मौसम में कोई बदलाव नहीं आता है तो प्रशासन के अगले निर्णय का इंतजार किया जाएगा, प्रशासन जो निर्णय करेगा स्कूलों को उस पर अमल करना होगा। अब विदर्भ (नागपुर, भंडारा, गोंदिया, अमरावती, अकोला, चांदपुर, गढ़चिरौली, वर्धा, यवतमाल और वाशिम) के सभी स्कूल 30 जून तक बंद रहेंगे।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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