ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग, कोर्ट ने परिसर सील करने का आदेश दिया

Atul Saxena
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वाराणसी, डेस्क रिपोर्ट। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के सर्वे के आखिरी दिन वहां स्थित तालाब (कुएं) से शिवलिंग (Shivling found in Gyanvapi Masjid) मिलने के दावे के बाद वाराणसी कोर्ट ने शिवलिंग के संरक्षण का आदेश देते हुए शिवलिंग वाले परिसर को सील करने के आदेश दिए हैं। शिवलिंग मिलने की सूचना के तुरंत बाद हिन्दू पक्ष ने वाराणसी कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया था।

प्रार्थना पत्र में शिवलिंग के संरक्षण की मांग की गई थी। प्रार्थना पत्र की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वाराणसी के जिला अधिकारी और सीआरपीएफ कमांडेंट को शिवलिंग के संरक्षण के आदेश दिए।  कोर्ट ने कहा कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है उस परिसर को सील कर दिया जाये।

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कोर्ट ने वरिष्ठ अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारियां तय करते हुए कहा कि जिला अधिकारी, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित  किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है उसके संरक्षित और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत मानी जाएगी।

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आपको बता दें कि आज ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey) का आखिरी दिन था, दावा किया जा रहा है कि परिसर में शिवलिंग मिलते ही वहां मौजूद लोग ख़ुशी से झूम उठे, हर हर महादेव के नारे लगने लगे। दावा किया जा रहा है जैसे ही वजूखाने का पानी निकाला गया सभी की ऑंखें फटी रह गई वहां 12.8 व्यास का शिवलिंग मिला।  हिन्दू पक्षकार सोहनलाल आर्य ने कहा कि बाबा मिल गए, नंदी को कब से इनका इंतजार था।

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उधर मुस्लिम पक्ष शिवलिंग के दावे को ख़ारिज कर रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि जो दावा हिन्दू पक्ष कर रहा है वह गलत है उधर कोर्ट कमिश्नर अजय सिंह और अन्य वरिष्ठ प्रशानिक अधिकारियों ने कोर्ट का हवाला देते हुए पूरे  मामले चुप्पी साध ली।  बहरहाल कल 17 मई कप सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में पेश की जाएगी उसके बाद आगे की कार्यवाही तय होगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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