नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार 28 जनवरी 2022 को सुनवाई करते हुए पदोन्नति में आरक्षण (SC/ST reservation in promotion) के पैमाने तय करने से इंकार कर दिया है।साथ ही कोर्ट ने कहा है कि इस पर केन्द्र या राज्य सरकारें तय करें, पर रिव्यू करते रहें, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 बिंदू तय किए हैं। अब अगली सुनवाई 24 फरवरी 2022 को होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य SC और ST के कर्मचारियों को प्रमोशन में रिजर्वेशन देने से पहले क्वॉन्टेटिव डेटा जुटाने के लिए बाध्य है। 2006 के नागराज और 2018 के जरनैल सिंह मामले में संविधान पीठ के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट कोई नया पैमाना नहीं बना सकती है। केंद्र और राज्यों से जुड़े आरक्षण के मामलों में स्पष्टता पर सुनवाई 24 फरवरी से शुरू होगी।अब अलग-अलग मामलों में इन बिंदुओं के आधार पर देखा जाएगा कि केंद्र या राज्य सरकार ने क्या किया है। ऐसे मामलों की सुनवाई अब 24 फरवरी से होगी।
इस फैसले से मध्य प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।वही गुरुवार को प्रदेश के मंत्रालय पदोन्नति का विकल्प तलाश करने के लिए गठित की गई मंत्रिमंडल उप समिति की बैठक हुई।मध्य प्रदेश में अप्रैल 2016 से पदोन्नति में रोक है, इस अवधि में 60 हजार से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें से 32 हजार कर्मचारी बगैर पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
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इसके पहले इस दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों ने अपना पक्ष रखा था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कोई निर्णय ना सुनाते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था ।
वही पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने साफ कर दिया था कि वह उस फैसले को दोबारा नहीं ओपन करेगा जिसमें कहा गया है कि एससी और एसटी को प्रमोशन में रिजर्वेशन दिया जाएगा, ये राज्य को तय करना है कि इसे कैसे लागू किया जाएगा।