देश में कोरोना की संक्रमण दर (Corona Positivity Rate) तेजी से घटी है उम्म्मीद की जा रही है कि मौतों के बढ़ते आंकड़ों पर जल्दी विराम लगेगा। लाखों लोग कोरोना महामारी की चपेट में आकर अपना बहुत कुछ गँवा चुके हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने मदद का हाथ बढ़ाया लेकिन प्राइवेट कंपनियों (Private Companies) में काम करने वाले कर्मचारी निराश थे। हालाँकि कुछ कंपनियां फौरी तौर पर अपने कर्मचरियों की मदद भी कर रही थी।
टाटा स्टील करेगी वेतन का भुगतान, बच्चों को पढ़ाएगी भी
अब देश की कुछ बड़ी कंपनियों ने कोरोना (Corona) में जान गंवाने वाले अपने कर्मचारियों (Employee) के परिवार का भरण पोषण और बच्चों की पढाई का जिम्मा उठाया है। टाटा स्टील (Tata Steal) की तरफ से मंगलवार को कहा गया है कि वे अपने उन कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करेगी जिनकी मृत्यु कोरोना से हुई है। कंपनी ने कहा कि कर्मचारी के परिवार को आवास और चिकित्सा लाभ तक तक दिया जायेगा जब तक सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष नहीं हो जाती। इसके अलावा टाटा स्टील (Tata Steal) ने कहा कि मृत कर्मचारी के बच्चों की कॉलेज में ग्रेजुएट होने तक की पढाई का खर्चा भी उठाएगी। टाटा स्टील (Tata Steal) ने इस मौके पर लोगों से मदद की अपील की है। टाटा समूह भारत के बड़े नियोक्ताओं में से एक है टाटा (Tata) की कंपनियों में देश और दुनिया साढ़े सात लाख लोग काम करते हैं।
बोरोसिल देगी दो साल का वेतन
टाटा की तरह ही ग्लासवेयर कंपनी बोरोसिल (Borosil) ने भी अपने मृत कर्मचारियों के परिजनों की मदद की बात कही है। कंपनी की तरफ से पिछले दिनों 2 मई को कहा गया कि कोरोना से मृत कर्मचारी के परिजनों को दो साल का वेतन देंगे और उनके बच्चों की कॉलेज तक की पढाई की व्यवस्था करेंगे। कंपनी की तरफ से कहा गया कि ये लाभ या हानि सोचने का समय नहीं है समय है मदद का। उम्मीदहै इस मदद से परिवार शोक से उबरकर और अपने भविष्य के लिए कुछ अच्छा सोच सके।
होटल समूह OYO भी आया सामने
होटल समूह OYO ने भी कुछ दिनों पहले घोषणा की है कि कोरोना से मृत उनके कर्मचारियों के परिवारों को आठ महीने का वेतन देगा और बच्चों की पढाई की जिम्मेदारी लेगा।
इन कंपनियों के अलावा भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कम्पनी मारुती सुजुकी के चेयरमेन आरसी भार्गव ने पिछेल दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि कर्मचारियों की देखभाल करना सिर्फ मानवता का काम नहीं है ये व्यापारिक समझ भी है आपको आखिरकार अपने लोगों के साथ ही काम करना है यदि आप वफ़ादारी नहीं निभायेंगे तो आपको इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। गौरतलब है कि मारुती सुजुकी ने लॉक डाउन के बावजूद अपने कर्मचारियों को नौकरी से नहीं हतय अबलकी उनके लिए अस्पताल की सुविधा तक दी। कंपनी अपने कर्मचारियों के परिवार के लिए दवाइयां, वैक्सीनेशन जैसे इंतजाम भी कर रही है।
इन कंपनियों के अलावा बहुत सी कंपनियां ऐसी हैं जो कोरोना काल में देश की मदद कर यही हैं। ये कंपनियां दवाइयां, इंजेक्शन, ऑक्सीजन, उपकरण , कोविड केयर सेंटर आदि सुविधाएँ में आगे बढ़ कर सर्कार और समाज की मदद कर रही हैं। गौरतलब है कि देश में अब तक तीन लाख से अधिक लोग कोरोना में जान गँवा चुकी है इनमें से आधे तो दूसरी लहर में मार्च से अब तक जान गँवा चुके हैं। अब उम्मीद की जा सकती है कि मदद के लिए बढे हाथ बचे हुए लोगों के हौसलों को मौजूत करेंगे ताकि वे अपने परिवार को मजबूती दे सकें और खुद भी मजबूर तहें।