PM Modi On Emergency: जिन्होंने देश में इमरजेंसी लगाई उन्हें संविधान प्रेम का ढोंग करने का कोई अधिकार नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

PM Modi On Emergency: पीएम मोदी ने बताया कि अपातकाल की यह सोच यह मानसिकता आज भी कांग्रेस पार्टी में जीवित है बस अपनी प्रतीकात्मकता के जरिए वह संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छुपाने का प्रयास करते हैं।

Saumya Srivastava
Published on -

PM Modi On Emergency: “आज मैं उन सभी महान व्यक्तियों को अपना आदर अर्पित करता हूं जिन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी के काले दिनों को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। इस पोस्ट को पीएम ने बकायदा #DarkDaysOfEmergency हैशटैग के साथ पोस्ट किया है यानि इमरजेंसी के दिनों के काले दिन। पीएम मोदी ने अपने इस पोस्ट में बताया कि कैसे इमरजेंसी के काले दिनों में कांग्रेस ने भारतीय नागरिकों की स्वतंत्रता के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह ध्वस्त कर उस संविधान को कुचला था जिसका हर भारतीय सम्मान करता है।

पीएम मोदी का सोशल मीडिया पोस्ट

पीएम ने लिखा कि यह सब केवल इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस सत्ता में टिकी रहे, और इसके लिए कांग्रेस ने हर उस व्यक्ति को प्रताड़ित किया जिसने उनके साथ असहमति जताई। इस दौरान कांग्रेस ने सभी लोकतांत्रिक सिद्धांतों की अवहेलना की और पूरे देश को एक जेल खाना बना दिया। यह सब करने में कांग्रेस ने समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक को नहीं छोड़ा और उनके खिलाफ भी सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियों को लागू किया। आगे अपनी बात कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि जो कांग्रेसी आज संविधान के प्रति प्रेम जता रहे हैं उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। पीएम ने कहा यह वह लोग हैं जिन्होंने इस देश में आपातकाल लगाया था, जिन्होंने इस देश में अनगिनत बार अनुच्छेद 356 का प्रयोग किया, जिन्होंने विधेयक के माध्यम से प्रेस की स्वतंत्रता को नष्ट किया, संघवाद को नष्ट किया और भारत के संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया। पीएम मोदी ने बताया कि अपातकाल की यह सोच यह मानसिकता आज भी कांग्रेस पार्टी में जीवित है बस अपनी प्रतीकात्मकता के जरिए वह संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छुपाने का प्रयास करते हैं। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी का यह चरित्र यह सोच भारत की जनता के सामने आ चुकी है भारत के लोग इनके द्वारा किए गए कृत्यों को देख चुके हैं और यही कारण है कि जनता इन्हें बार-बार नकार रही है।

1975 की इमरजेंसी का इतिहास

1971 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली की सीट से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा जयप्रकाश नारायण ने, जिसमें जयप्रकाश को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के विरोध में जयप्रकाश नारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की और यह कहा की इस चुनाव में न केवल सरकारी तंत्र का उपयोग किया गया बल्कि घूसखोरी और चुनावी कदाचार भी किया गया जिस वजह से चुनाव में इंदिरा गांधी को अनुचित लाभ मिला। याचिका में जेपी ने कहा इस चुनाव में सरकारी मुलाजिमों का इस्तेमाल एक चुनावी एजेंट के तौर पर किया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 जून 1975 के दिन जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी को चुनावी कदाचार का दोषी पाते हुए चुनाव को null and void घोषित कर दिया और साथ ही इंदिरा को अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी बाधित कर दिया।

इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई जिसमें हाई कोर्ट के इस निर्णय पर निर्देश देते हुए इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार करते रहने के लिए अनुमति दे दी गई हालांकि इस अनुमति के बावजूद उन्हें एक सांसद के तौर पर तनख्वाह निकालने की और संसदीय कार्यवाही में जाने की अनुमति नहीं दी गई। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद मोरारजी देसाई और जेपी नारायण ने सरकार के खिलाफ पूरे देश में एक आंदोलन की शुरुआत की। इस आंदोलन को देखते हुए इंदिरा गांधी ने तत्कालीन राष्ट्रपति से इमरजेंसी लगाने की मांग की।

आज ही के दिन इमरजेंसी को लागू किया गया

तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 352 का इस्तेमाल कर “इंटरनल डिस्टरबेंस” का हवाला देते हुए पूरे देश में 25 जून के दिन इमरजेंसी को लागू कर दिया गया। विपक्षीय नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया अखबार के संपादकों को गिरफ्तार कर अखबार के कारखाने की बिजली काट दी गई। जनता के संवैधानिक अधिकार और मौलिक अधिकारों को सीमित कर दिया गया। जो लोग गिरफ्तार किए गए उनके पास कानून के इस्तेमाल को लेकर कोई अधिकार नहीं बचा था और इसीलिए इमरजेंसी के दिनों को भारत के इतिहास के काले दिनों के रूप में दर्ज किया गया। आपको बता दें 25 जून से शुरू हुई इमरजेंसी पूरे 21 महीने चली। 21 मार्च 1977 के दिन इसे समाप्त किया गया।


About Author
Saumya Srivastava

Saumya Srivastava

पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

Other Latest News