नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। चुनाव बेहद ही नजदीक है, जिसे लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। राजनीतिक पार्टी जहां अपना प्रचार प्रसार करने में मशगूल हैं वहीं प्रशासन आचार संहिता को “आदर्श आचार संहिता” बनाने का प्रयत्न कर रहा है। भारत का चुनाव आयोग एक स्थायी और स्वतंत्र निकाय है। यह भारत के संसद, राज्य विधानमंडल, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के संचालन के लिए जिम्मेदार है।
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आदर्श आचार संहिता क्या है?
भारत निर्वाचन आयोग, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी करता है। ये दिशानिर्देश राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान “क्या करें और क्या नहीं” के बारे में एक अवलोकन देता है। इन दिशानिर्देशों को चुनाव आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) भी कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में, आदर्श आचार संहिता उन निर्देशों का एक समूह है जिनका चुनाव मैदान में उम्मीदवारों और चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों दोनों द्वारा किया जाना है। आदर्श आचार संहिता चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार, सामान्य आचरण, बैठकों आदि पर दिशा-निर्देशों और निर्देशों का एक समूह है। पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक आदर्श आचार संहिता प्रभावी रहती है।
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सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए सामान्य आचरण इस प्रकार है;
1. कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार जाति और धर्म के आधार पर वोट हासिल नहीं कर सकता है। यही कारण है कि मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों और अन्य धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार/अभियान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
2. किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं किया जाएगा। जिससे विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों में नफरत और तनाव का माहौल हो।
3. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अपने विपक्षी दलों की नीतियों और कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और काम की आलोचना करने का अधिकार होगा। पार्टियों और उम्मीदवारों को किसी भी उम्मीदवार के निजी जीवन या परिवार पर टिप्पणी नहीं कर सकता।
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4. मतदाताओं को धमकाना, रिश्वत देना, मतदान केंद्रों से 100 मीटर की परिधि में प्रचार करना, मतदान के 48 घंटे के भीतर जनसभा आयोजित करना और मतदान केंद्रों तक आने-जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करना भी प्रतिबंधित है।
5. कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने अनुयायियों को संपत्ति के मालिक की अनुमति के बिना पैम्फलेट, बैनर चिपकाने, पार्टी के झंडे प्रदर्शित करने, नारे लिखने आदि के लिए भूमि, भवन, परिसर, दीवार, वाहन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दे सकते।
6. राजनीतिक दल या उम्मीदवार को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके समर्थक विपक्षी दलों या उम्मीदवारों की बैठक और रैली में न तो बाधा डालेंगे और न ही विपक्षी दलों द्वारा आयोजित बैठक में पर्चे बाँटेंगे।
7. राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों को किसी भी स्थान पर बैठक आयोजित करने से पहले पुलिस या क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी होगी ताकि यातायात और अन्य आवश्यक व्यवस्था की जा सके।
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8. यदि कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार जुलूस निकालने जा रहा है, तो उसे सूचित करना होगा; (अपने समय के बारे में, जुलूस का रास्ता, जुलूस के शुरू होने का स्थान और वह स्थान जहाँ जुलूस समाप्त होगा) संबंधित अधिकारियों को।
9. राजनीतिक दल या उम्मीदवार यह सुनिश्चित करें कि मतदान के दिन मतदाताओं को दी गई पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज पर छपी हो। पर्ची में किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार का नाम/चिह्न नहीं होगा।
10. मतदान के दिन और मतदान से 24 घंटे पहले मतदाताओं को शराब आदि नहीं परोसा जा सकता है।
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11. मतदान शांतिपूर्वक तथा सुचारु रूप से संपन्न कराने में निर्वाचक चुनाव अधिकारीयों का पूरा सहयोग करेगा।
12. चलचित्र, इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया या किसी अन्य साधन से कोई भी जनता से निर्वाचन सम्बन्धी सम्प्रेषण नहीं कर सकता है।