भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। देश (India) में कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण (Infection) एक बार फिर से तेजी से फैलने लगा है। आलम यह है कि संक्रमित मरीजों की संख्या 90 लाख के पार हो गई है। ऐसे में इस महामारी (Epidemic) के खात्मे की सबसे बड़ी उम्मीद कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) है। पूरी दुनिया को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। कई देशों में वैक्सीन के ट्रायल भी किए जा रहे हैं।
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों के लिए ऑक्सफोर्ड Covid-19 की वैक्सीन अगले साल फरवरी 2021 तक आ जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि आम लोगों के लिए यह वैक्सीन अप्रैल तक उपलब्ध होनी चाहिए। भारत में भी 3 कोरोना वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भारत सरकार का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वैक्सीन के वितरण को लेकर तैयारियां करने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में भी तैयारियां की जा रही है कि जब वैक्सीन आए तो उसका वितरण सही तरीके से किया जा सके।
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वहीं यह खबर भी आई थी कि कोरोना वैक्सीन का ट्रायल राजधानी भोपाल की हमीदिया अस्पताल में भी किया जाएगा। लेकिन इस खबर का खंडन करते हुए हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ आईडी चौरसिया ने बताया कि कोविड-19 की किसी भी वैक्सीन के ट्रॉयल को लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है, और न ही इसे लेकर कोई मीटिंग की गई है। यदि भविष्य में हमें शासन से ऐसे कोई निर्देश मिलते है तो हम जरूर ट्रायल करवाने में आगे आएंगे।
बता दें कि भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और सिरम इंस्टीट्यूट मिलकर कोविड-19 की वैक्सीन को कोविशील्ड बना रहे हैं। इसके अलावा भारत बायोटेक और आईसीएमआर मिलकर को-वैक्सीन बना रहे हैं। वहीं एक अन्य निजी कंपनी जायड्स के द्वारा जाए जायकोवडी का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से को-वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल में पहुंच गई है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में वैक्सीन का डिस्ट्रीब्यूशन वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश की आबादी 135 करोड़ है। इतनी बड़ी आबादी के लिए इतनी बड़ी मात्रा में वैक्सीन की खुराकें उपलब्ध कराना आसान नहीं है। जुलाई से अगस्त 2021 तक हमारे पास 400-500 मिलियन वैक्सीन की खुराकें उपलब्ध होंगी। अभी कई कंपनियों में इसका क्लिनिकल ट्रायल जारी है।