Gita Updesh : हम सभी बचपन से ही श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में सुनते आ रहे हैं। अक्सर हमने बड़े बुजुर्गों से यह कहते हुए सुना है कि अच्छा और नेक इंसान बनना है तो भगवत गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए ताकि हम समाज में एक बेहतर और जिम्मेदार इंसान बन सके। बता दें कि इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक है, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था लेकिन अब इसे हिंदी, इंग्लिश, मराठी, गुजराती, सहित अन्य कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। इसे पढ़ने वाला हर एक व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। दरअसल, इसमें बताए गए उपदेश लोगों के बहुत काम आती है। कुरुक्षेत्र की रणभूमि में भगवान श्री कृष्ण ने जब अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, उस वक्त अपने विश्व रूप को भी प्रकट किया था। जिसके बाद उनके मन में चल रहे सारी दुविधाएं खत्म हो गई थी। बता दें कि वह अपने मित्र, गुरु और परिवार के लोगों को अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार देखकर काफी ज्यादा दुखी थे और वह अपनों के खिलाफ शस्त्र नहीं उठाना चाहते थे। जिस कारण वह युद्ध भूमि से वापस जाना चाह रहे थे, लेकिन यह धर्म और अधर्म की लड़ाई थी, जिसमें धर्म की जीत निश्चय थी और यह उनका परम कर्तव्य भी था इसलिए गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि यह एक क्षत्रिय होने के नाते उनका कर्तव्य भी है कि वह अपने धर्म के हित की रक्षा के लिए और अन्याय के खिलाफ लड़े और प्रजा को एक बेहतर राजा प्रदान करें। इसके बाद कौरव और पांडवों के बीच 18 दिन की लड़ाई चली। जिसमें बड़े-बड़े महान योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए और अंत में पांडवों को कौरवों पर जीत हासिल हुई। जिसके बाद अखंड भारत का निर्माण हुआ। गीता ज्ञान से हमें यह पता लगता है कि हमें अपने कार्य निरंतर करते रहना चाहिए बिना किसी परिणाम की इच्छा किए बिना। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश में दिए गए कुछ बातों को बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप भी अपने जीवन को अच्छे से जी सकते हैं।
पढ़ें गीता उपदेश
- गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि जो लोग सोच बदल लेते हैं वह दुनिया को बदलने की ताकत रखते हैं। इसका अर्थ यह है कि जो अपनी सोच में समय और समाज के साथ बदलाव लाता है। वह हर एक चुनौतियों का सामना बहुत ही आसानी से कर सकता है।
- गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने बताया कि जीवन का एक नियम यह है कि अगर आप किसी की प्रतीक्षा कर सकते हैं तो सभी चीज आपकी हो सकती है। इसलिए किसी भी चीज को पाने की जल्दबाजी न करें, बल्कि उसकी प्रतीक्षा करें क्योंकि धैर्य से पाया हुआ हर एक चीज काफी मूल्यवान होता है।
- भगवान श्री कृष्ण ने गीता उपदेश देते वक्त बताया था कि कोई भी व्यक्ति जन्म लेते ही महान नहीं बन जाता, बल्कि उसके कर्मों से महंत बनाते हैं। अगर आप अच्छे कर्म करेंगे तो अवश्य ही आपको इसका अच्छा फल मिलेगा और यदि आप बुरे कर्म करते हैं तो उसका खामियाजा भी आपको इसी जीवन में भुगतना पड़ेगा।
- भगवान श्री कृष्ण के अनुसार, विचार और जल हमेशा साफ और स्वच्छ होना चाहिए क्योंकि दूसरी जल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है वैसे ही दुष्ट और गंदे विचार जीवन को पूरी तरीके से बर्बाद कर देता है।
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