Bhavishya Puran: भाग्योदय में आ रही बाधा दूर करेंगे सूर्य देव, अपनाएं भविष्य पुराण में वर्णित ये 5 उपाय

हिंदू धर्म में ज्योतिष का काफी महत्वपूर्ण स्थान है। भविष्य पुराण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मनुष्य के जीवन से संबंधित चीजों का उल्लेख दिया गया है। चलिए आज हम आपको भविष्य पुराण में वर्णित सूर्य से जुड़े कुछ नियम बताते हैं।

Diksha Bhanupriy
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Bhavishya Puran

Bhavishya Puran: जब भी व्यक्ति के जीवन में किसी तरह की परेशानी आती है, तो वह ज्योतिष की सलाह लेता है। ज्योतिष में व्यक्ति के जीवन से जुड़े हर पहलू से संबंधित उपाय बताए गए हैं जो उसकी समस्याओं का समाधान करते हैं। यही वजह है कि कोई भी अच्छा काम करने से पहले या फिर कोई परेशानी आने पर व्यक्ति ज्योतिष का सहारा जरूर लेता है।

भविष्य पुराण एक बहुत ही पुराना धार्मिक ग्रंथ है जिसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई बातों का उल्लेख दिया गया है। सूर्य पूजा का भी भविष्य पुराण में काफी महत्व बताया गया है। इसके मुताबिक श्री कृष्ण ने अपने पुत्र सांब को सूर्य पूजा के बारे में जानकारी दी थी। चलिए आज हम आपको सूर्य पूजा का महत्व और कुछ उपाय बताते हैं जो आपका जीवन बदल देंगे।

सूर्य पूजा का महत्व

सूर्य एक ऐसे देवता हैं, जिन्हें हम प्रत्यक्ष रूप से देख सकते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से उनकी आराधना करता है तो उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है। चलिए आज आपको भविष्य पुराण में वर्णित सूर्य पूजा के कुछ उपाय के बारे में बताते हैं।

भविष्य पुराण के उपाय

  • भविष्य पुराण में बताए गए उपायों के मुताबिक सुबह स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर इसमें चावल और फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने के बाद सूर्य मंत्र का जाप करें। जो व्यक्ति यह उपाय अपनाते हैं उसे शक्ति और बुद्धि की प्राप्ति होती है और उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
  • सूर्य देवता को जल अर्पित करने के बाद दीपक से उनका पूजन करना चाहिए। इसके बाद पीले या लाल वस्त्र, माणिक्य, गेहूं, गुड़, तांबे का बर्तन, लाल चंदन जैसी चीजों का दान करना चाहिए।
  • अगर कुंडली में सूर्य के दोष को दूर करना चाहते हैं तो रविवार का व्रत रखना चाहिए और एक समय फलाहार करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
  • विज्ञान और ज्योतिष दोनों में ही 12 ग्रह का उल्लेख मिलता है और सूर्य इन सभी के राजा हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर सूर्य पूजन सबसे पहले की जाती है तो बाकी के गृह परेशान नहीं करते हैं। देवताओं में सूर्य का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यजुर्वेद में दिए गए उल्लेख के मुताबिक सूर्य, भगवान के नेत्र हैं।
  • वेदों में भी सूर्य का काफी महत्व बताया गया है और सूर्य देवता को संसार की आत्मा कहा गया है। भगवान श्री राम से लेकर महाभारत के कर्ण भी सूर्य के उपासक थे। यही कारण है कि जो व्यक्ति सूर्य पूजन करता है उसे मान सम्मान की प्राप्ति होती है और उसका घर परिवार हमेशा सुख समृद्धि से भरा रहता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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