Chanakya Niti: इंसान को इंसान से दूर करती है ये 2 चीजें, जानें क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य

उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और मौर्य साम्राज्य के पहले सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के सलाहकार थे। चाणक्य ने नंद वंश के अत्याचारी राजा धननंद को हटाने का संकल्प लिया और चन्द्रगुप्त मौर्य को मौर्य साम्राज्य का सम्राट बनाने में मदद की।

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य को विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है जोकि प्राचीन भारत के महान विद्वान, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और मौर्य साम्राज्य के पहले सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के सलाहकार थे। चाणक्य ने नंद वंश के अत्याचारी राजा धननंद को हटाने का संकल्प लिया और चन्द्रगुप्त मौर्य को मौर्य साम्राज्य का सम्राट बनाने में मदद की। उन्होंने चन्द्रगुप्त को शिक्षा दी, उन्हें सैन्य मामलों में प्रशिक्षित किया और नंद वंश को समाप्त कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। बता दें कि उनका जन्म लगभग 400 ईसा पूर्व माना जाता है। चाणक्य की सबसे महत्वपूर्ण नीतियों में “अर्थशास्त्र”, “कूटनीति” और चाणक्य नीति है। जिसमें जीवन, शासन और कूटनीति से जुड़ी बातें बताई गई हैं। आज भी उनकी नीतियों को अपनाने वाला हर एक व्यक्ति जीवन में सफल और नेक इंसान बनता है। आइए जानते हैं विस्तार से…

Chanakya Niti: इंसान को इंसान से दूर करती है ये 2 चीजें, जानें क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य

चाणक्य नीति के अनुसार, इंसान को इंसान से दूर करने वाली दो मुख्य चीजें हैं: “जुबान” (बोली) और “पैसा” (धन)।

जुबान

चाणक्य का मानना था कि बोली या भाषा का इस्तेमाल लोगों के बीच संबंधों पर गहरा प्रभाव डालता है। अपमानजनक या कठोर शब्द किसी भी रिश्ते को खराब कर सकते हैं। गलत तरीके से बोली गई बातों से न केवल व्यक्तिगत संबंधों में दरार आ सकती है, बल्कि समाज में भी आपके प्रति द्वेष बढ़ता है। इसके अलावा, बेवजह की बातें या झूठी अफवाहें फैलाने से भी आपसी विश्वास टूट जाता है। वहीं, बिना सोचे-समझे बोलने से गलतफहमियां उत्पन्न होती हैं। सही समय और सही परिस्थिति में सही बातें न कहने से भी रिश्तों में खटास आ सकती है।

धन

आचार्य चाणक्य ने धन को भी मानव संबंधों में दरार डालने वाला प्रमुख कारक माना है। दरअसल, धन की लालसा से मनुष्य स्वार्थी हो जाता है, जिससे अमीर और निर्धन के बीच का भेदभाव पैदा होती है। जो समाज में दूरी को बढ़ाता है। गलत तरीके से धन प्राप्त करने की कोशिश से भी संबंधों में अविश्वास और तनाव उत्पन्न होता है। वहीं, संपत्ति का दिखावा करना भी ईर्ष्या और द्वेष को जन्म लेता है, जिससे संबंध खराब हो सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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